Last Updated: Friday, December 6, 2013, 20:13
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/पणजी : भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आज कहा कि न्यायमूर्ति एके गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत पर उच्चतम न्यायालय ‘पलायनवादी रास्ता’ अख्तियार नहीं कर सकता है और उसे इसकी जांच की निगरानी उसी तरह करनी चाहिए जैसे उसने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में की थी। उधर, पणजी में पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा है कि गांगुली के साथ तेजपाल जैसा बर्ताव होना चाहिए।
जेटली ने कहा कि इस मामले की जांच करने से शीर्ष अदालत की ‘प्रशासनिक सीमाओं’ की यह दलील जमी नहीं कि गांगुली उच्चतम न्यायालय से रिटायर हो चुके हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने फेसबुक की अपनी नई पोस्टिंग में आज कहा, ‘अगर वह (उच्चतम न्यायालय) अपने पूर्व न्यायाधीश को प्रथम दृष्टया अपराध का दोषी मान सकता है तो वह यह कह कर पलायनवादी रास्ता अख्तियार नहीं कर सकता है कि प्रशासनिक मामला उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।’ उन्होंने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सक्षम है कि कानून अपना काम करे।
भाजपा नेता ने कहा, उच्चतम न्यायालय के प्रशासनिक फैसले को सभी नागरिक उत्सुकता से देख रहे हैं। क्या अदालत पूर्व न्यायाधीश, जो कि अभी पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष है, से उसी तरह निपटेगी जिस तरह वह किसी अन्य व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति से निपटती जो महान कार्यालय से अभी रिटायर नहीं हुआ है?
उधर, पणजी में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की सेवानिवृत्त अधिकारी किरण बेदी ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस को चाहिए कि वह सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए. के. गांगुली के साथ तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल जैसा ही बर्ताव करे। आईपीएस में पहली महिला अधिकारी रह चुकीं बेदी ने शुक्रवार को अपने ट्विटर खाते पर टिप्पणी में कहा कि दिल्ली और कोलकाता पुलिस को गोवा पुलिस से सीख लेनी चाहिए।
First Published: Friday, December 6, 2013, 20:13