Last Updated: Friday, November 29, 2013, 20:17

इटानगर : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि अरुणाचल अरणाचल प्रदेश भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा है और देश की ‘पूर्व की ओर देखो’ विदेश नीति में मुख्य हिस्सेदार हैं। देश के इस हिस्से में किसी राष्ट्रपति की यह विरल यात्रा है।
राष्ट्रपति की इस टिप्पणी को बीजिंग में बेहद दिलचस्पी से पढ़ा जाएगा। मुखर्जी ने कहा कि इस क्षेत्र को अब और सुदूर क्षेत्र नहीं समझा जाना चाहिए। चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है। उन्होंने अरूणाचल प्रदेश विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर शेष भारत के साथ जोड़ने के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण करना चाहिए और इस विधायिका तथा अरणाचल प्रदेश के लोगों को इस कार्य के लिए हरसंभव सहायता देनी चाहिए।
चीन ने अपने दावे की पुष्टि के प्रयास में राज्य के निवासियों को नत्थी वीजा जारी करके अपनी कार्रवाई तेज कर दी थी। चीन ने अरणाचल प्रदेश पर भारत की संप्रभुता पर सवाल खड़े किए हैं। कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यात्रा और अब राष्ट्रपति की यात्रा को भारत की ओर से चीन को दिए जा रहे स्पष्ट संदेश के तौर पर देखा जा रहा है कि भारत की राज्य पर अकाट्य संप्रभुता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 29, 2013, 20:17