Last Updated: Monday, February 3, 2014, 21:36
नई दिल्ली : केन्द्र ने आज दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह पूर्वोत्तर के लोगों पर हमले के मामलों में ‘जरा भी बर्दाश्त नहीं करने का’ रूख अपनाये। साथ ही कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में दिशानिर्देशों का कडाई से पालन किया जाए। एक उच्चस्तरीय बैठक में गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों पर होने वाले किसी भी अत्याचार के मामले तत्काल दर्ज करे और शिकायत मिलने पर तुरंत जांच करे तथा दोषियों को दंडित करे। दिल्ली पुलिस से यह भी कहा गया है कि वह अपने सभी थानों को पूर्वोत्तर के लोगों के प्रति संवेदनशीलता बरतने को कहे और उनकी शिकायतों को दूर करें।
ये निर्देश राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में पूर्वोत्तर के लोगों पर लगातार हुए हमलों के परिप्रेक्ष्य में आया है। लाजपत नगर में पिछले दिनों अरूणाचल प्रदेश के एक छात्र पर कथित रूप से कुछ लोगों ने हमला किया और बाद में उसकी मौत हो गयी। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को पिछले साल इस संबंध में जारी चार पृष्ठों के दिशानिर्देश की याद दिलायी और कहा कि इसका कडाई से पालन किया जाए। राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप पुलिस बलों को उन जगहों पर सुरक्षा बढानी चाहिए, जहां पूर्वोत्तर के लोग पढते हैं, कार्य करते हैं या रहते हैं। अति संवेदनशील इलाकों में भी ऐसा करना चाहिए। सांप्रदायिक तनाव भडकाने के उद्देश्य से अफवाहें फैलाने की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। संदिग्ध ई-मेल का पता लगाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों की निगरानी, पूर्वोत्तर की जनता के ‘मूड’ का आकलन करने और नियमित आधार पर उनकी शिकायतें जानने का जिक्र भी दिशानिर्देशों में है।
गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पूर्वोत्तर के लोगों के प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए पुलिस अधीक्षक या संयुक्त पुलिस उपायुक्त स्तर का अधिकारी नोडल अधिकारी बनाया जाना चाहिए जो पूर्वोत्तर के छात्रों और निवासियों के साथ हर दो महीने में बैठक करेगा और बातचीत का ब्यौरा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या पुलिस आयुक्त को भेजेगा । पुलिस से कहा गया है कि वह पूर्वोत्तर के छात्रों और अन्य लोगों को थानों और जिला स्तर पर होने वाली रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों की बैठकों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करे।
दिशानिर्देशों के मुताबिक जिन इलाकों में पूर्वोत्तर के लोग रहते हैं, वहां के बीट अधिकारी और पीसीआर स्टाफ को थाना प्रभारी द्वारा संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी जानी चाहिए। नार्थईस्ट डाट काम के नाम से पुलिस के नाम के तहत एक वेबसाइट शुरू की जानी चाहिए। इस वेबसाइट पर पूर्वोत्तर के लोग अपनी शिकायतें और सुझाव दे सकेंगे। राज्यों के पुलिस महानिदेशक और आयुक्त समय समय पर सुरक्षा योजना की समीक्षा कर सकते हैं। राज्य सरकारों और संघशासित क्षेत्रों को सुरक्षा योजना के कार्यान्वयन के बारे में अपनी रिपोर्ट हर तिमाही गृह मंत्रालय को भेजनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 3, 2014, 21:36