बदायूं रेप-मर्डर केस: डीजीपी ने दिया मामले को नया मोड़, एसएसपी सस्पेंड

बदायूं रेप-मर्डर केस: डीजीपी ने दिया मामले को नया मोड़, एसएसपी सस्पेंड

बदायूं रेप-मर्डर केस: डीजीपी ने दिया मामले को नया मोड़, एसएसपी सस्पेंडज़ी मीडिया ब्यूरो
लखनऊ : दो दलित लड़कियों से बलात्कार एवं हत्या के कारण आलोचनाओं से घिरी अखिलेश यादव सरकार ने आज बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया और जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया। साथ ही राज्य की नौकरशाही में बड़ा फेरबदल करते हुए 66 आईएएस एवं 42 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किये गये हैं।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ए. एल. बनर्जी ने बदायूं में हाल में हुए सामूहिक बलात्कार-हत्याकांड मामले के जुड़े तथ्यों को नया मोड़ देते हुए आज कहा कि जांच में अभी तक मिले तथ्यों के मुताबिक वारदात की शिकार एक लड़की के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है और इस मामले को सम्पत्ति को लेकर अंजाम दिये जाने का भी संदेह है। बनर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा, दोनों लड़कियों में से एक अपने पिता की अकेली संतान थी। अगर यह लड़की जिंदा नहीं रहती, तो दूसरों को फायदा होता। हत्या का एक मकसद यह भी हो सकता है। मेरा इशारा लड़की के परिवार की तरफ भी है। उन्होंने दावा किया कि मामले की विशेषज्ञों द्वारा जांच कराए जाने पर कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये हैं। विशेषज्ञों द्वारा करायी गयी जांच में वारदात में मारी गयी एक लड़की के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है।

मौके से बीयर की चार बोतलें और दो गिलास बरामद होने का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा, हो सकता है कि अपराध किसी अन्य तरीके का हो। जिन लोगों की बात हो रही है, वे नहीं भी हो सकते हैं। वे छूट भी सकते हैं, लेकिन यह तफ्तीश पर निर्भर है। हमें नहीं लगता कि एक लड़की से बलात्कार हुआ है। दो पुलिसकर्मियों को तात्कालिक परिस्थितियों में बर्खास्त किया गया। अगर हमसे कहीं कोई गलती हुई है तो उसे ठीक किया जाएगा। डीजीपी ने यह भी बताया कि प्रकरण के आरोपियों का नारको तथा लाई डिटेक्टर परीक्षण कराने का निर्णय किया गया है।

बदायूं जिले के कटरा सादतगंज क्षेत्र में गत 27 मई को शौच के लिये गयी 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन गांव के बाहर एक बाग में पेड़ पर लगे फंदों से लटकते पाये गये थे। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों लड़कियों को सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर लटकाये जाने की पुष्टि हुई थी। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।

राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बदायूं की घटना में कई तथ्य उभरकर आए हैं। अगर स्थानीय प्रशासन ने शुरू में ही मुस्तैदी से काम किया होता तो बेहतर होता। उन्होंने कहा कि इस मामले में वहां के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना को निलम्बित कर दिया गया है। इसके अलावा तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई का निर्णय किया गया है।

गौरतलब है कि 27 मई को हुई इस वीभत्स घटना के वक्त मुख्य विकास अधिकारी उदयराज सिंह प्रभारी जिलाधिकारी थे। नये जिलाधिकारी ने दो दिन पहले ही काम सम्भाला है। डीजीपी मुख्यालय में एसपी (कानून एवं व्यवस्था) एल आर कुमार को बदायूं जिले में नया एसपी बनाया गया है।

सरकार की ओर से इस कठोर कार्रवाई का निर्णय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गृह विभाग के प्रमुख सचिव दीपक सिंघल तथा पुलिस महानिदेशक ए. एल. बनर्जी के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में किया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने नौकरशाही में बड़ा फेरबदल करते हुए 66 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है जिसमें कई जिलाधिकारी शामिल हैं। जिन आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है उनमें आगरा, बरेली, महाराजगंज, चित्रकूट, मथुरा, हमीरपुर, देवरिया, मउ, ललितपुर, झांसी, औरैया एवं कानपुर के डीएम शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक एवं जिला पुलिस प्रमुखों सहित 42 आईपीएस अधिकारियों के भी तबादले किये गये।

First Published: Saturday, June 7, 2014, 18:58

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