Last Updated: Sunday, February 23, 2014, 16:00
नई दिल्ली : राज्यसभा में भंडारा नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के नाम उजागर करने की गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की चूक के मामले में कथित जांच का ब्योरा रखने वाली फाइल मंत्रालय में नहीं मिल रही है। मंत्रालय ने करीब छह महीने तक एक आरटीआई आवेदन पर चुप्पी साधने के बाद केंद्रीय सूचना आयोग के सामने स्वीकार किया है कि ‘संबंधित फाइल’ का मंत्रालय में पता नहीं चल पा रहा है।
आवेदन का जवाब निश्चित अवधि में नहीं देने की वजह पूछने के लिए मंत्रालय को दिये गये कारण बताओ नोटिस में सूचना आयुक्त विजय शर्मा ने कहा, ‘सुनवाई से और मौजूद रिकार्ड से स्पष्ट है कि प्रतिवादी (गृह मंत्रालय) ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है।’ सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय आरटीआई अर्जी का जवाब नहीं देने की कोई वजह नहीं स्पष्ट कर सका। जब आयुक्त ने आगे पूछा तो केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने महज यह स्वीकार किया कि फाइल का पता नहीं चलने की वजह से वे कोई जवाब नहीं दे सके।
सीआईसी ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रतिवादी ने कहा कि फाइल का संदर्भ लिये बिना आरटीआई आवेदन का जवाब देना कठिन है। प्रतिवादी ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक सरकार ने जांच का कोई आदेश नहीं दिया है लेकिन उन्हें इस बात की पुष्टि फाइल से ही करनी होगी।’ महाराष्ट्र के भंडारा में तीन नाबालिग बच्चियों के साथ कथित दुष्कर्म और उनकी हत्या के मुद्दे पर 1 मार्च, 2013 को उच्च सदन में दिये बयान में शिंदे ने पीड़िताओं के नाम उजागर कर दिये थे।
जब विपक्ष के नेता अरण जेटली ने उनकी इस चूक की ओर इशारा किया तो सदन की कार्यवाही से नाम निकाल दिये गये। जब संवाददाताओं ने शिंदे से इस बाबत पूछा था तो उन्होंने कहा कि वह गृह सचिव को इस बारे में जांच करने का निर्देश दे चुके हैं कि ये नाम राज्यसभा में दिये जाने वाले उनके बयान में कैसे आ गये। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 23, 2014, 16:00