सीबीआई जांच से पहले इस्तीफा दें मनमोहन : भाजपा

सीबीआई जांच से पहले इस्तीफा दें मनमोहन : भाजपा

सीबीआई जांच से पहले इस्तीफा दें मनमोहन : भाजपाज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली/पटना/श्रीनगर : कोल ब्लॉक आवंटन मामले में जांच के लिए खुद को सीबीआई के सामने उपस्थित होने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पेशकश पर भाजपा ने आज उनके इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि केवल ऐसा करने से ही निष्पक्ष जांच हो सकती है।

मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि इस तरह की पेशकश करके वह मामलों को ‘छिपाने’ का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि वह पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष उपस्थित होने की भी पेशकश की थी लेकिन ऐसा उन्होंने किया नहीं।

सिन्हा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के लिए एक ही विकल्प है कि वह इस्तीफा दें और सीबीआई के समक्ष पेश हों। सवाल यह है कि देश के प्रधानमंत्री संदेह के घेरे में हैं। अगर सीबीआई देश के प्रधानमंत्री से पूछताछ करेगी तो इसका क्या संदेश जाएगा? इसलिए हमने कहा है कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और तब सीबीआई के सामने पेश होना चाहिए।’

श्रीनगर में भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘जांच प्रधानमंत्री के दरवाजे तक पहुंच चुका है। अब वे कह रहे हैं कि वह सीबीआई के समक्ष पेश होने को तैयार हैं। सीबीआई प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत आती है। इसका प्रशासनिक नियंत्रण पीएमओ के पास है। उनके संयुक्त सचिव ने सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट को बदल दिया था। इसलिए यह कहना कि वह सीबीआई के समक्ष पेश होने को तैयार हैं, अर्थहीन है। शायद वह सोच रहे हैं कि उन्हें एजेंसी से उसी तरह से क्लीनचिट मिल जाएगी जैसे बंसल, मायावती और मुलायम को मिली थी।’

उधर, पटना में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह सही है कि प्रधानमंत्री ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में स्वयं को सीबीआई जांच के लिए प्रस्तुत करने की इच्छा जताई है लेकिन हम चाहते हैं कि एजेंसी उनसे प्रधानमंत्री के रूप में पूछताछ नहीं करे, बल्कि कोयला मंत्री मनमोहन सिंह के रूप में पूछताछ करे जिन्होंने कोल ब्लॉक आवंटन को मंजूरी दी।’

भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान को जस का तस नहीं स्वीकार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इससे पहले भी एक अन्य घोटाले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष उपस्थित होने की पेशकश की थी, लेकिन बाद में कुछ नियमों का उल्लेख करते हुए इंकार किया। खबरों में कहा गया है कि वे नियम उन्हें समिति के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति नहीं देते हैं।

First Published: Friday, October 25, 2013, 17:55

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