मोदी का इंटरव्यू ‘सेंसर’ किए जाने पर विवाद

मोदी का इंटरव्यू ‘सेंसर’ किए जाने पर विवाद

नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू दूरदर्शन द्वारा ‘सेंसर’ किए जाने की खबरों पर आज एक विवाद पैदा हो गया। भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार के ‘दबाव’ के चलते ऐसा किया गया जबकि सरकारी प्रसारक ने जोर देकर कहा कि न तो किसी प्राधिकार का हस्तक्षेप था और न ही जानबूझ कर ऐसा किया गया।

सरकार ने इस बात से भी इनकार किया कि इंटरव्यू के एक हिस्से को कथित तौर पर नहीं दिखाने में उसका कोई हाथ है, जिसमें समझा जा रहा है कि मोदी ने यह कहा था कि प्रियंका उनकी बेटी की तरह है। सरकार ने दलील दी कि दूरदर्शन चलाने वाला प्रसार भारती स्वायत्त संस्था है।

भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रसार भारती एक स्वतंत्र संस्था है। कहीं से दबाव पड़ा और इंटरव्यू को सेंसर कर दिया और इसमें काट छांट कर दिया गया।’ उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि
जब कांग्रेस पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा की बात कर रही है, तब सेंसर के लिए भी गुंजाइश बनी हुई है और कांग्रेस पार्टी इस शक्ति का दुरूपयोग कर रही है।’ उन्होंने कहा कि या तो प्रसार भारती या सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जवाब देना चाहिए।

हालांकि, दूरदर्शन ने कोई गलत काम किए जाने की बात से इनकार करते हुए एक बयान में कहा है कि इंटरव्यू के किसी हिस्से का न तो जानबूझ कर संपादन किया गया न ही उसे हटाया गया। जहां कहीं संपादन किया गया यह तकनीकी कारणों से किया गया और यह पोस्ट प्रोडक्शन के दौरान हुआ। इस समूची प्रक्रिया में किसी प्राधिकार का कोई हस्तक्षेप या नियंत्रण नहीं था।

दूरदर्शन ने जोर देते हुए कहा है कि इंटरव्यू को कम तवज्जो देने की कोई कोशिश नहीं की गई। ‘इंटरव्यू के अहम हिस्सों का डीडी न्यूज की भी सभी बुलेटिनों में इस्तेमाल किया गया।’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि उनका मंत्रालय दूरदर्शन के समाचार एजेंडा में कोई हस्तक्षेप नहीं करता। प्रसार भारती संसद के एक अधिनियम से बना एक स्वायत्त प्रसारक है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 1, 2014, 22:28

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