Last Updated: Monday, November 11, 2013, 18:23
नई दिल्ली : वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की आपूर्ति का सौदा हथियाने के लिए 360 करोड़ रुपए की दलाली देने वाली अगस्ता वेस्टलेंड के साथ सैन्य और नागरिक हेलिकाप्टर के उन्नत संस्करण को असेंबल करने के टाटा समूह के प्रस्ताव को मंजूरी देने पर भाजपा ने मंगलवार को कड़ा एतराज किया। उसने कहा कि इस इतालवी कंपनी से पुराना सौदा रद्द कर ब्लैकलिस्ट करने की बजाय सरकार उसे नए सौदों का ईनाम दे रही है।
भापजा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यहां कहा, ‘‘यह स्तब्ध करने वाली घटना है। सरकार ने उस इतालवी कंपनी के साथ एडब्ल्यू11केएक्स हेलिकाप्टर असेंबल करने के टाटा समूह के प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसे साथ वायु सेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकाप्टर आपूर्ति करने के करार को इस लिए फ्रीज कर दिया गया है क्योंकि इस सौदे को पाने के लिए उसने 360 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी।’’
कांग्रेस पार्टी से उन्होंने यह स्पष्ट करने की मांग की कि किन व्यक्तिगत हितों के चलते आखिर इस कंपनी से नए करार को अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड के ‘काले इतिहास’ को देखते हुए इस बात की जांच की जानी चाहिए कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने टाटा समूह के साथ इसके सौदे को मंजूरी क्यों दी।
भारत में वीआईपी ड्यूटी हेलीकाप्टरों की आपूर्ति में भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों जांच का सामना कर रही अगस्ता से टाटा समूह के इंडियन रोटरक्राफ्ट के प्रस्ताव को एफआईपीबी की 19 सितंबर को हुई बैठक में मंजूरी दी गई।
सूत्रों ने बताया कि एफआईपीबी की बैठक में अगस्ता वेस्टलेंड की मूल कंपनी फिनमेकानिका के भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा था। लेकिन इसमें यह निष्कर्ष निकला कि जिस मामले की जांच हो रही है वह हेलीकाप्टर माडल एडब्ल्यू101 से संबंधित है, उसका इस प्रस्ताव से संबंध नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 11, 2013, 18:23