Last Updated: Friday, December 20, 2013, 15:52
नई दिल्ली : भाजपा ने आज संकेत दिया कि समलैंगिक संबंधों को अपराध ठहराने संबंधी धारा 377 को संविधान सम्मत बताने वाले उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर उसका रूख अभी भी खुला है और इस पर बहस अभी पूरी नहीं हुई है। पार्टी के कुछ बड़े नेता हालांकि शीर्ष अदालत के निर्णय का सार्वजनिक रूप से समर्थन कर चुके हैं।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली ने यहां कहा, ‘अगर आप मामले को देखें, तो मुझे नहीं लगता कि बहस खत्म हो चुकी है ..अदालत ने धारा की वैधता को सही ठहराया है। इस धारा के तहत क्या आता है और क्या नहीं आता, इसे लेकर कोई अस्पष्टता नहीं है। अत: सरकार आगे बढ़े और रास्ता निकाले।’ फिक्की के लेडीज़ आर्गेनाइजेशन एफएलओ में उन्होंने उन सवालों के जवाब में यह बात कही जिनमें समलैंगिकता के बारे में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के प्रति कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई दलों द्वारा जताई गई असहमति के मद्देनजर भाजपा के रूख के बारे में पूछा गया था।
इस पर जेटली ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज स्पष्ट कर चुकी हैं कि पहले सरकार प्रस्ताव लेकर आए और तब भाजपा उस पर अपना रूख रखेगी। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह सहित पार्टी के कई नेता समलैंगिकता के बारे में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के प्रति समर्थन जता चुके हैं। इस बीच केंद्र ने आज भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध ठहराने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर कर दी है। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 20, 2013, 15:52