Last Updated: Thursday, October 10, 2013, 15:01

इंदौर : मध्य प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित प्रचार का जादू कितना चल पायेगा, इस बारे में अलग-अलग कयासों का दौर जारी है। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्रियों का दावा है कि चुनाव प्रचार में मोदी के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जुगलबंदी पार्टी के लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की बाधाएं दूर कर देगी।
‘नमो-शिव’ मंत्र का चुनावी जाप करने वाले मंत्रियों की फेहरिस्त में नया नाम महेंद्र हार्डिया का है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने गुरुवार को यहां कहा कि जब मोदी और शिवराज भाजपा के पक्ष में मिलकर प्रचार करेंगे, तो वे दो नहीं बल्कि ग्यारह साबित होंगे। निश्चित रूप से भाजपा को इसका सीधा लाभ होगा। हार्डिया ने अपने इस दावे के पक्ष में कहा कि मोदी की ओर युवाओं का खासा रुझान है। इस बार विधानसभा चुनावों में युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री से पहले प्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी ‘नमो-शिव’ मंत्र का जाप कर चुके हैं। विजयवर्गीय ने 19 सितंबर को कहा था कि विधानसभा चुनावों में मोदी फैक्टर सोने पर सुहागा की तरह है। शिवराज का प्रदेश में वैसे ही बहुत प्रभाव है। मोदी के आने से भाजपा का सूबे में असर बढ़ेगा और हम कुल 230 सीटों में से लगभग 175 सीटें जीत सकेंगे। विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां बढ़ाते हुए मोदी 25 सितंबर को भोपाल में भाजपा के कार्यकर्ता महाकुंभ में शामिल हुए थे। यह पहला मौका था, जब गुजरात के महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ने भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद प्रदेश में पहली बार किसी रैली को संबोधित किया था और इस दौरान शीर्ष भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी तथा शिवराज के साथ मंच साझा किया था।
बीजेपी हालांकि पहले ही कह चुकी है कि वह प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूती देने के लिये मोदी की बतौर स्टार प्रचारक मदद लेगी। लेकिन भाजपा सूत्र बताते हैं कि जीत की हैट्रिक बनाने के लिये सत्तारूढ़ दल विकास के मुद्दे पर दांव लगाते हुए चुनावी मैदान में उतरा है और उसके चुनाव प्रचार की केंद्रीय भूमिका में स्वाभाविक तौर पर शिवराज ही हैं। इस बीच, सियासी जानकारों का अनुमान है कि मोदी फैक्टर प्रदेश की करीब 60 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणामों पर अपना सीधा असर दिखा सकता है, बशर्ते प्रधानमंत्री पद के भाजपाई उम्मीदवार को इन क्षेत्रों में सत्तारूढ़ दल के प्रचार के लिये उतारा जाए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 10, 2013, 15:01