बोहरा समाज के धर्म गुरु का विवाद कोर्ट पहुंचा

बोहरा समाज के धर्म गुरु का विवाद कोर्ट पहुंचा

ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: बोहरा समाज के धर्म गुरु का विवाद अब कोर्ट तक जा पहुँचा है। 52वे धर्म गुरु डॉ सय्यैदन के गुजर जाने के बाद ये सवाल उठ खड़ा हुआ था कि कौन होगा उनका अगला वारिस और 53वा धर्म गुरु। डॉ सय्यदैना के भाई खोजमा कुतुबुद्दीन और भतीजे मुफ्फद्दल सैफुद्दीन मे गद्दी को लेकर जंग छिड़ गई है । खोजेमा कुतुबुद्दीन ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि उन्होंने इस मामले को सुलझाने की कोशिश की थी लेकिन दूसरे पक्ष से कोई रुचि नहीं दिखाई गई

बोहरा समाज के लोगो के लिये ये समय बड़ा मुश्किल भरा है, 17 जनवरी को 52वें धर्मगुरु सैय्यदना बुरहानुद्दीन के जाने का दुख अभी समाज के लिये ताजा ही है वही 53वें धर्मगुरु को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 53 वें धर्मगुरु की गद्दी को लेकर समाज में दो दो दावेदार खड़े हो गये है। दोनों ही खुद को सैय्यदना का सक्सेसर और समाज का 53 वां धर्मगुरु करार दे रहे है जिससे समाज में भी दो तबके बटें नजर आ रहे है।

एक तबका वो है जो सैय्यदना बुरहानुद्दीन के बेटे मुफद्दल सैफुद्दीन के साथ खड़ा है और दूसरा तबका वो जो सैय्यदना बुरहानुद्दीन के भाई खोजेमा कुतुबुद्दीन के साथ खड़ा हुआ है। खोजेमा कुतुबुद्दीन 52वें धर्मगुरु सैयद्दना बुरहानुद्दीन के छोटे भाई है और 50 साल से उनके माजून यानि कि समाज के सैकेंड इन कमांड के पद पर रहे है, इनका तर्क है कि सैय्यदना की गद्दी के सच्चे हकदार यहीं है और ये समाज में उनके बाद सबसे बड़े ओहदे वाले है। साथ ही इनके पास सैय्यदना के लिखित कई दस्तावेज है जो ये सामने लेकर आए हैं

52वें धर्मगुरु सैय्यदना बुरहानुद्दीन के बेटे है मुफ्द्दल सैफुद्दीन इनका कहना है कि 2011 में सैय्यदना का स्ट्रोक आने के बाद उन्होने इन्हें अपना सक्सेसर घोषित कर दिया था, और इन पर नास यानि की सक्सेसर अपॉइंट करने की प्रक्रिया निभाई गई है। और उनके जाने के बाद अब वहीं अगले धर्मगुरु है

खोज़ेमा कुतुबुद्दीन का आरोप है कि मुफद्दल सैफुद्दीन ने सैय्यदना की बीमारी का फायदा उठाकर इस पद पर कब्जा जमाया है। और समाज के लोगों की भावनाओं का मज़ाक उड़ाया है। सैय्यदना की गद्दी को लेकर इतनी उठापटक क्यूं हो रही है क्योकि सैय्यदना बनने वाला शख्स न सिर्फ 20 लाख से ज्यादा लोगों का आस्था का केन्द्र होगा बल्कि एक हज़ारो करोड़ की संपत्ति का भी सोल ट्रस्टी होग

53वें धर्मगुरु को लेकर मुफ्द्दल सैफुद्दीन और खोज़ेमा कुतुबुद्दीन के अपने अपने दावे है लेकिन अब आपको बताते है इस गद्दी का वारिस एक बड़ी विरासत का चेहरा होगा । सैय्यदना बनने वाला न सिर्फ 20 लाख लोगों का एकमात्र चेहरा होगा बल्कि सैय्यदना बोहरा समाज की हज़ारों करोड़ की प्रॉपर्टी का सोल ट्रस्टी होगा ।

बोहरा समाज शिया मुस्लिम का एक संभ्रात तबका है, समाज के ज्यादातर लोग पढ़े लिखे और कारोबारी है, भारत में सबसे ज्यादा समाज के महाराष्ट्र के मुंबई, पूणे, नागपुर गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, जामनगर, राजकोट, दाहोद मध्यप्रदेश के उज्जैन, इन्दौर, शाजापुर, राजस्थान के उद्यपुर, भीलवाड़ा के अलावा भारी तादाद में कोलकाता और चैन्नई में रहते है भारत में इनकी आबादी 20 लाख से ज्यादा हैइसके अलावा बोहरा समाज यूएसए, यूके दुबई, ईराक, यमन, अरब और पाकिस्तान में भी बड़ी तादात में है।

सैय्यदना बनने वाला शख्स न सिर्फ पूरे बोहरा समाज की आस्था केन्द्र होगा बल्कि इनका नेतृत्व भी करेगा, समाज में उन्हे गुरु से कहीं बढ़कर माना जाता है। सैय्यदना बनने वाला व्यक्ति हजारों करोड़ की सम्पत्ति का अकेला मालिक होगा, साथ ही समाज की तमाम ट्रस्ट का ट्रस्टी होगा। बोहरा समाज में दर्जनों ट्रस्ट है जो न सिर्फ मस्जिद, मुसाफिरखाने, दरगाह और कब्रिस्तान का नियत्रण करती है बल्कि कई कमर्शियल पॉपर्टीस भी इन ट्रस्ट्स के अंडर है।

महारास्ट्र में बोहरा समाज की दावते हादिया नाम की एक ट्रस्ट ही 1000 करोड़ से उपर की बताई जा रही है, जिसे करीब 150 छोटी ट्रस्ट को मिलाकर बनाया गया है, इसके अलावा दावते हादिया प्रॉपर्टी ट्रस्ट, सैफी फाउंडेशन, सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट, गुजरात में काम करने वाली गंजे शहीदा ट्रस्ट, अंजुमन बुरहानी ट्रस्ट जैसी दर्जनों ट्रस्ट जिनकी वैल्यू करोड़ों में है और सैय्यदना उनके होल ट्रस्टी होगें।

First Published: Thursday, April 3, 2014, 11:39

comments powered by Disqus