Last Updated: Wednesday, November 27, 2013, 15:41
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: पूर्व सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव ने एक सनसनीखेज बयान देकर सियासी हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है। पप्पू यादव ने यह तमाम खुलासे अपनी किताब `द्रोहकाल का पथिक` में किया है।
पप्पू यादव ने अपनी इस किताब में दावा किया है कि वर्ष 2008 के विश्वास मत से पहले यूपीए और एनडीए ने उनसे संपर्क साधा था। दोनों पार्टियां (कांग्रेस और बीजेपी) ने सांसदों को 40-40 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। पप्पू के दावे के मुताबिक जुलाई 2008 में विश्वास मत के दौरान भी कांग्रेस और बीजेपी ने सांसदों के समर्थन के लिए 40 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी।
पप्पू के मुताबिक वर्ष 2001 में एनडीए सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इंडियन फेडरल डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सांसदों को एनडीए का हिस्सा बनने के लिए पैसा दिया था।
पप्पू यादव के अनुसार सांसदों की कीमत को लेकर सौदेबाजी हुई थी। सांसद अनवारुल हक को एक एसेंट कार के साथ 1 करोड़ रुपये भी मिला। नागमणि को भी तत्काल 1 करोड़ रुपये दिए गए थे और बाद में राज्यमंत्री का पद देने का भरोसा दिलाया गया था। पप्पू के मुताबिक ये सौदेबाजी बीजेपी के यशवंत सिन्हा ने खुद की थी। हालांकि इस मसले पर यशवंत सिन्हा ने पप्पू यादव के इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और उन्होंने कहा कि इस मामले पर टिप्पणी की जरूरत नहीं है।
First Published: Wednesday, November 27, 2013, 14:34