सारनाथ में बक्से में मिलीं थी बुद्ध की अस्थियां

सारनाथ में बक्से में मिलीं थी बुद्ध की अस्थियां

नई दिल्ली : सारनाथ में साल 1798 में धर्मराजिका स्तूप की खुदाई के दौरान बनारस के राजा चेतसिंह के दीवान जगत सिंह के मजदूरों को एक पत्थर के बक्से में रखी मंजूषा में अस्थियां मिली थीं जिसके बारे में माना जाता है कि यह महात्मा बुद्ध की थीं।

सूचना के अधिकार के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पूर्वी क्षेत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘सारनाथ के स्तूप से प्राप्त पत्थर के बक्से में एक हरे रंग की संगमरमर की मंजूषा मिली जिसमें अस्थियां रखी थीं। ऐसा माना जाता है कि अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर दिया गया था और मंजूषा को इंडियन म्यूजियम, कोलकाता को सौंप दिया गया।’

पटना स्थित के पी जायसवाल इंस्टीट्यूट ने साल 1958 से 1961 के बीच ए एस आल्टेकर के निर्देशन में वैशाली में स्तूप की खुदाई की और यहां मंजूषा में उन्हें बुद्ध के अवशेष मिले जिसे अभी राज्य संग्रहालय, पटना में रखा गया है। अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान नागाजरुनकुंडा में बौद्ध महाचैत्य के पश्चिमोत्तर हिस्से से एक कुली को छोटा सा टूटा हुआ घड़ा मिला था जिसमें रखे अवशेषों की सावधानीपूर्वक की गई पड़ताल में इसकी महात्मा बुद्ध के अवशेष के रूप में पुष्टि हुई थी।

आरटीआई के तहत एएसआई के दक्षिणी क्षेत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘एएसआई के दक्षिणी सर्किल के तत्कालीन अधीक्षक ए.एच. लांगहर्स्ट ने 1926 से 1931 के बीच वहां खुदाई करायी थी जिसमें महात्मा बुद्ध से जुड़े ‘महाचैत्य’ की बात प्रकाश में आई थी।’ दिल्ली स्थित बौद्ध अवशेष प्रतिस्थापना प्रयास ट्रस्ट (बीडीएपीपी) के संयोजक राज कुमार ने एएसआई से महात्मा बुद्ध के अवशेषों के बारे में जानकारी मांगी थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 10, 2013, 11:04

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