अलग तेलंगाना राज्‍य को मंजूरी, हैदराबाद 10 साल के लिए होगी साझा राजधानी। Cabinet clears formation of Telangana, Hyderabad to remain joint capital for 10 years

अलग तेलंगाना राज्‍य को मंजूरी, हैदराबाद 10 साल के लिए होगी साझा राजधानी

अलग तेलंगाना राज्‍य को मंजूरी, हैदराबाद 10 साल के लिए होगी साझा राजधानीज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली/हैदराबाद : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी दे दी। देश के 29 में राज्य के रूप में तेलंगाना का गठन आंध्र प्रदेश को विभाजित कर किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में करीब दो घंटे तक चली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को इस आशय की जानकारी दी।

शिंदे ने कहा कि मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश का विभाजन कर पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि मंत्रियों का एक समूह भारतीय संघ में 29वें राज्य के गठन के संबंध में तौर-तरीकों पर अध्ययन करेगा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद शहर अगले 10 वर्षो तक दोनों प्रदेशों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी बना रहेगा। तेलंगाना में 10 जिले शामिल होंगे।

शिंदे ने कहा कि मंत्रियों का समूह संयुक्त राजधानी से दोनों राज्य सरकारों के कामकाज करने के लिए उपयुक्त वैधानिक और प्रशासनिक उपाय सुनिश्चित करने की प्रणाली निर्धारित करेगा। इसके अलावा समूह सभी तीनों क्षेत्रों आंध्र, रायलसीमा और तेलंगाना के निवासियों के बुनियादी अधिकारों की गारंटी सहित सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि जीओएम शेष आंध्र प्रदेश की नई राजधानी बनाने और पिछड़े क्षेत्रों और जिलों की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष वित्तीय संवितरण पर काम करेगा।

सरकार अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास एक प्रस्ताव भेजेगी और राष्ट्रपति उसे आंध्र प्रदेश विधानसभा को अग्रसारित करेंगे। तेलंगाना राज्य के गठन के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयक पेश किए जाने की संभावना है।

सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र) क्षेत्र से आने वाले तीन मंत्रियों में से दो- पल्लम राजू और के. एस. राव मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद थे और उन्होंने कथित रूप से गृह मंत्री के नोट पर असंतोष दर्ज कराया। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस कार्य समिति ने 30 जुलाई को आंध्रप्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने का निर्णय लिया था।

इस निर्णय के विरोध में सीमांध्र (रायलसीमा और तटवर्ती आंध्र प्रदेश) में तीखा विरोध शुरू हो गया। सीमांध्र में सरकारी कर्मचारी 13 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर थे और केंद्र सरकार से आंध्र प्रदेश को विभाजित करने वाला निर्णय वापस लेने की मांग कर रहे थे। गुरुवार को मंत्रिमंडल का फैसला आने के बाद सीमांध्र में विरोध प्रदर्शनों का नया दौर शुरू हो गया है। राज्य बंटवारे का विरोध कर रहे संगठनों ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया है। सीमांध्र के सभी 13 जिलों में पुलिस को सतर्क कर दिया गया है और महत्वपूर्ण स्थानों और जनप्रतिनिधियों के घरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मंत्रिमंडल के फैसले को लेकर राष्ट्रीय राजधानी और हैदराबाद में पूरे दिन गहमागहमी चलती रही। आज की बैठक में तेलंगाना कार्यसूची में नहीं था, लेकिन कथित रूप से 'टेबल आइटम' के रूप में इसे उठाया गया।

तेलंगाना के गठन का विरोध कर रहे करीब 30 संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकारी आवास के बाहर प्रदर्शन किया।
'आंध्र प्रदेश बचाओ' का नारा लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और पुलिस वैन में बिठाकर कुछ दूर ले जाकर छोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि 10-15 की संख्या में प्रदर्शकारी बैनर लेकर वहां जुटे और नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस में आंध्र प्रदेश के मामलों के प्रभारी महासचिव दिग्विजय सिंह ने सभी क्षेत्र के कांग्रेसी नेताओं से सहयोग करने की अपील की है।

सीमांध्र के नेताओं की फैसले से पहले एंटनी समिति के दौरे की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि इस समिति का गठन कांग्रेस कार्यसमिति का फैसला पलटने के लिए नहीं किया गया था।

First Published: Thursday, October 3, 2013, 20:02

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