Last Updated: Monday, June 2, 2014, 20:38
नई दिल्ली : सेवानिवृति की तारीख से महज 12 दिन पहले कैबिनेट सचिव अजित सेठ को सोमवार को छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया। समझा जाता है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र की नई सरकार ने कामकाज में निरंतरता बनाए रखने के मकसद से यह कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने 62 साल के सेठ के सेवा विस्तार को मंजूरी दी। यह सेठ का दूसरा सेवा विस्तार है। पिछली यूपीए सरकार ने उन्हें जून 2013 में एक साल का सेवा विस्तार दिया था। एक आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, सरकार द्वारा कैबिनेट सचिव के तौर पर सेठ को दिया गया छह महीने का सेवा विस्तार 14 जून या अगले आदेश, दोनों में जो भी पहले हो, से प्रभावी होगा।
समझा जाता है कि सरकार ने निरंतरता बनाए रखने के मकसद से यह कदम उठाया है। सरकार का मकसद है कि जल्द से जल्द ठोस तरीके से कामकाज शुरू हो और चुनावी वादे पूरे करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। जुलाई में होने वाले संसद के बजट सत्र की तैयारी भी सरकार को करनी है। सेठ के सेवा विस्तार से भारी उद्योग विभाग के मौजूदा सचिव और सेठ के बाद देश के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह सूतनु बेहूरिया के कैबिनेट सचिव बनने की संभावनाएं कमोबेश खत्म हो गई हैं।
साल 1976 बैच के आईएएस अधिकारी बेहूरिया मूल रूप से ओड़िशा के रहने वाले हैं और उन्हें इस साल 31 जुलाई को सेवानिवृत होना है। छह महीने के बाद जब सेठ सेवानिवृत होंगे तो उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी पीके सिन्हा और सौरभ चंद्रा कैबिनेट सचिव पद की दौड़ में सबसे आगे होंगे। सिन्हा अभी ऊर्जा सचिव जबकि चंद्रा पेट्रोलियम सचिव के पद पर तैनात हैं। सिन्हा 1977 जबकि चंद्रा 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 2, 2014, 20:38