Last Updated: Saturday, January 25, 2014, 00:06
नई दिल्ली : सीबीआई ने अपने तरह के पहले अभियान में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई से मिली जानकारी के आधार पर पुणे के एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जिसने अपने ग्राहकों के लिए कथित तौर पर दुनियाभर के 900 से अधिक ईमेल खातों को हैक किया।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि उन्हें सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के बेटे अमित विक्रम तिवारी की गतिविधियों को लेकर अमेरिकी एजेंसी से जानकारी मिली थी। उसे सूचना प्रौद्योगिकी कानून के कथित उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि 30 वर्षीय तिवारी दो वेबसाइटों- ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. हायरहैकर. नेट’ और ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. एनोनिमिटी. कॉम’ के माध्यम से अपने ग्राहकों के लिए कथित तौर पर अवैध तरीके से ईमेल खातों के पासवर्ड पता लगाने का काम करता था जिसके ऐवज में उसे 250 से 500 डॉलर तक का भुगतान किया जाता था। इन दोनों वेबसाइटों के सर्वर अमेरिका में हैं। सूत्रों ने कहा कि भुगतान कथित रूप से वेस्टर्न यूनियन और पेपाल के जरिये किया जाता था।
उन्होंने कहा कि शुरूआती पूछताछ में यह बात सामने आई कि तिवारी ने कथित तौर पर फरवरी 2011 से 2013 के बीच 900 ईमेल खातों को हैक किया जिनमें से 171 भारतीय लोगों के थे। सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि वे इस बात का अभी पता लगा रहे हैं कि तिवारी की करतूत से राष्ट्रीय सुरक्षा से तो समझौता नहीं किया गया।
सूत्रों के मुताबिक इस तरह की सूचना है कि क्रिकेट की इंडियन प्रीमियर लीग से जुड़े लोगों ने भी तिवारी से काम कराने की कोशिश की थी लेकिन पैसों के लेन-देन को लेकर बात नहीं बनी। एजेंसी इन दावों की पड़ताल कर रही है। सीबीआई ने एफबीआई से मिली जानकारी के आधार पर प्रारंभिक जांच शुरू की और तिवारी को खोजा। उसे मुंबई पुलिस ने भी करीब 10 साल पहले एक क्रेडिट कार्ड कंपनी से धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने प्रथमदृष्टया साक्ष्य जुटाने के बाद दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। सूत्रों के अनुसार एजेंसी ने मामले दर्ज करने के बाद आज मंबई, पुणे और गाजियाबाद में छापे मारे जो पहली बार चीन, रोमानिया और अमेरिका में इन देशों की एजेंसियों द्वारा चलाये गये अभियानों के समकालीन थे।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि तिवारी के अमेरिका, रोमानिया और चीन में हैकरों के समूह के साथ संबंध अभी जांच का विषय हैं लेकिन यह साफ हो गया है उसके कुछ ग्राहक इन देशों में थे। उन्होंने कहा कि सीबीआई जहां भारत में जांच कर रही है और तलाशी कर रही है वहीं रोमानिया में कांबटिंग आर्गेनाइज्ड क्राइम के विभाग ने और चीन में जन सुरक्षा मंत्रालय ने इसी तरह के अभियान चलाये।
सूत्रों ने तिवारी के कामकाज के बारे में बताया कि जो लोग गैरकानूनी तरीके से किसी ईमेल खाते को खोलना चाहते थे वे तिवारी की वेबसाइटों पर उन खातों की जानकारी दे देते थे। तिवारी के पुणे स्थित आवास पर छापों के अलावा एजेंसी ने मुंबई और गाजियाबाद में उन जगहों पर भी छापे मारे जहां उसके सहयोगी और ग्राहक बताये जाते हैं। एफबीआई ने पिछले साल दुनियाभर में हैकरों के खिलाफ बड़े अभियान की शुरूआत की थी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 25, 2014, 00:06