सीबीआई पिजड़े का तोता नहीं : चिदंबरम

सीबीआई पिजड़े का तोता नहीं : चिदंबरम

सीबीआई पिजड़े का तोता नहीं : चिदंबरमनई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पिजड़े का तोता कहना या `कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन` कहना गलत है। इसके साथ ही उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसी की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करती है।

चिदंबरम ने कहा कि सीबीआई को लेकर कई मिथक हैं। इसमें चर्चित विशेषण `पिजड़े का तोता` से लेकर अपमानजनक नामकरण `कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन` शामिल हैं। इनमें से कोई भी विशेषण न तो सही है और न ही अर्थपूर्ण।

`भ्रष्टाचार एवं अपराध से मुकाबले के लिए आम रणनीति विकसित करने` पर आयोजित सीबीआई के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा, "कुछ मिथक सावधानीपूर्वक गढ़े गए और संकीर्ण स्वार्थ के लिए उन्हें प्रचारित किया गया।"

चिदंबरम ने कहा कि हल्के में मैं कह सकता हूं कि जब सीबीआई शक्तियों और अधिक स्वायत्तता का आग्रह करती है तो ऐसा लगता है कि यह खुद एक असहाय पीड़ित होने का नाटक कर रही है।

चिदंबरम ने हालांकि सीबीआई के काम की प्रशंसा की और कहा कि मेरे विचार से सीबीआई दुनिया की किसी भी अच्छी जांच एजेंसी की तरह अच्छी है। हमें सीबीआई की उपलब्धियों पर गर्व है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मई में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से संबंधित एक मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को `पिजड़े का तोता` करार दिया था, जो `अपने मालिक के सुर में सुर मिलाता है`। सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा के हलफनामे में कहा गया है कि तत्कालीन कानून मंत्री अश्विन कुमार और प्रधानमंत्री कार्यालय व कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर सीबीआई की रपट को सर्वोच्च न्यायालय में सौंपे जाने से पहले देखा था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 12, 2013, 14:53

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