Last Updated: Tuesday, February 4, 2014, 12:57
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : केंद्र ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने संबंधी अपील का विरोध किया। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि मौत की सजा पाए दोषियों को दया याचिकाएं लंबित रहने के दौरान किसी प्रकार के उत्पीड़न और अमानवीय अनुभव का सामना नहीं करना पड़ा। दोषी कैदियों की याचिका का विरोध कर रही केंद्र सरकार ने आज इस मामले में अपना पक्ष रखा।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सजा-ए-मौत कम करने के लिए यह योग्य मामला नहीं है। शीर्ष कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में सजाए मौत का सामना कर रहे दोषियों की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा।
गौर हो कि केंद्र ने बीते दिनों स्पष्ट संकेत दिया था कि उसे दया याचिका पर फैसले में देरी के कारण मृत्युदंड पाने वाले कैदी की सजा घटाकर आजीवन कारावास करने का उच्चतम न्यायालय का आदेश उसे स्वीकार्य नहीं है। केन्द्र ने कहा कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करने पर विचार कर रहा है।
वहीं, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी कैदी मृत्यु दंड के लायक ही हैं। न्यायालय ने उनकी दया याचिका के निबटारे में विलंब के आधार पर सजा घटाकर उम्र कैद में तब्दील करने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें दोषी ठहराने के गुणदोष पर विचार करने से इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि उनकी दया याचिकाओं पर फैसले में विलंब के आधार पर मौत की सजा को कम करने की याचिका पर सुनवाई की जा रही है।
गौर हो कि शीर्ष अदालत ने मई, 2012 में राजीव गांधी के हत्यारों की मृत्यु दंड के खिलाफ याचिका पर निर्णय करने का निश्चय किया था और मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित इनकी याचिकाओं को अपने यहां भेजने का निर्देश दिया था।
First Published: Tuesday, February 4, 2014, 12:34