Last Updated: Wednesday, January 29, 2014, 22:59
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिए हैं कि दया याचिका पर फैसले में देरी के कारण मृत्युदंड पाने वाले कैदी की सजा घटाकर आजीवन कारावास करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश उसे मंजूर नहीं है। केन्द्र का कहना है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध दायर करने पर विचार कर रहा है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीनों हत्यारों का पक्ष गुरुवार को सुनेगा। मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता संतन, मुरूगन और पेरारीवलन के वकील राम जेठमलानी की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई कुछ समय तक स्थगित करने का केंद्र सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया।
कोर्ट ने कहा, वह गुरुवार को ही याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनेगा। वहीं एटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती 4 फरवरी को सरकार का पक्ष रखेंगे। याचिओं ने दया याचिकाओं के निपटारे में हुई 11 वर्ष की देरी को आधार बनाकर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का कोर्ट से अनुरोध किया है।
प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने राजीव गांधी हत्याकांड के तीन दोषियों का मामला अगले सप्ताह तक स्थगित करने का अनुरोध कर रहे अतिरिक्त सालिसिटर जनरल सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि केंद्र 21 जनवरी के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने पर ‘विचार’ कर रहा है। एएसजी ने यह प्रतिक्रिया उस समय दी जब इस मामले के कैदियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने आशंका जताई कि केन्द्र समय बर्बाद कर रहा है ताकि वह शीर्ष अदालत के फैसले के पुनर्विचार का अनुरोध कर सके।
First Published: Wednesday, January 29, 2014, 22:59