राजनीति के बाद संपादक या लेखक बनना चाहेंगे पी चिदंबरम

राजनीति के बाद संपादक या लेखक बनना चाहेंगे पी चिदंबरम

दावोस : वकील तथा राजनीतिज्ञ के रूप में खुद को साबित कर चुके पी चिदंबरम अब अध्यापन, लेखन या किसी बड़े अखबार के संपादन में हाथ आजमाना चाहेंगे। वित्तमंत्री चिदंबरम ने यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक के दौरान यह इच्छा जताई। ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के संपादक लियोनेल बारबर ने उनसे पूछा कि वह राजनीति से इतर क्या करना चाहेंगे? चिदंबरम ने कहा- मुझे उम्मीद है कि मुझे एक दिन किसी ऐसे अखबार के संपादन का मौका मिलेगा जैसा कि आपका है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वह अध्यापन तथा लेखन में हाथ आजमाना चाहेंगे।

चिदंबरम ने हालांकि यह भी कहा कि वह आत्मकथा लिखने में रचि नहीं रखते क्योंकि वह इसे कुछ ज्यादा ही आत्मरतिक पाते हैं। उन्होंने कहा, मैं उन चीजों के बारे में लिखना चाहूंगा जिनको लेकर मैं भावुक हूं। हालांकि उनकी डायरी में केवल कामकाज के बारे में ही होता है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम ने सत्र का संचालन कर रहे बारबर से हल्के फुल्के अंदाज में यह भी पूछा कि क्या फाइनेंशियल टाइम्स में अतिथि संपादक का पद है।

चिदंबरम ने एक सवाल के जवाब में बताया कि करियर के रूप में उन्होंने कानून को चुना और वकालत शुरू कर दी। लेकिन जब कांग्रेस पार्टी में विभाजन हुआ और इंदिरा गांधी ने युवाओं से राजनीति में आने की अपील की तो मैं उनकी पार्टी की युवा शाखा से जुड़ गया। उन्होंने कहा कि राजनीति से जुड़ने के कई साल बाद तक वह वकालत करते रहे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 22, 2014, 23:39

comments powered by Disqus