Last Updated: Monday, November 11, 2013, 00:39

नई दिल्ली : भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को एक पत्र लिखकर खेद जताया और इस बात की जानकारी दी कि क्यों वह अगले सप्ताह राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने कोलंबो नहीं जा रहे हैं।
उत्तरी श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यकों को अधिकार देने में विफलता और मानव अधिकारों के उल्लंघन के कारण तमिलनाडु की पार्टियों और कांग्रेस के तमिलनाडु से जुड़े मंत्रियों के विरोध के कारण संप्रग सरकार ने 15-17 नवंबर को चोगम में प्रधानमंत्री के हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया। राजपक्षे को भेजे गए पत्र का मसौदा सार्वजनिक नहीं किया गया है।
विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का प्रचार कर रहे प्रधानमंत्री रात को दिल्ली लौैटे। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि पत्र रविवार को भेजा गया। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अब चोगम सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। 53 देशों के राष्ट्राध्यक्षों का यह सम्मेलन दो दशक बाद पहली बार किसी एशियाई देश में आयोजित हो रहा है।
डीएमके, एआईएडीएमके और अन्य तमिल पार्टियों ने चोगम सम्मेलन के बहिष्कार की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, जयंती नटराजन, जी.के.वासन और वी.नारायणसामी जो तमिलनाडु के ही हैं, ने प्रधानमंत्री को तमिल हितों को ध्यान में रखने का दबाव डाला। खासकर तब जबकि आम चुनाव केवल कुछ ही महीने दूर है। कांग्रेस कोर समूह की शुक्रवार को हुई बैठक में भी प्रधानमंत्री के श्रीलंका नहीं जाने का फैसला हुआ। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 10, 2013, 14:50