Last Updated: Monday, November 4, 2013, 17:03

नई दिल्ली : वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में आरोपपत्र को अंतिम रूप दिए जाने के मद्देनजर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इटली में मुकदमे का सामना कर रहे आरोपियों के बयान मांगने के लिए रोम को न्यायिक आग्रह भेजेगा।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वित्तीय लेनदेन, कथित बिचौलियों की बैठकों और भारतीय तथा ट्यूनीशियाई कंपनियों में उनके हितों और अन्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत प्रश्नावली, न्यायिक आग्रह का हिस्सा होगी।
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी पहले न्यायिक अनुरोध के जरिये बयान प्राप्त करना चाहती है जिसके बाद वह जरूरत पड़ने पर संदिग्धों के प्रत्यर्पण का अनुरोध कर सकती है। इतालवी कंपनी फिनमेकेनिका और ब्रिटेन की उसकी सहयोगी कंपनी अगस्तावेस्टलैंड भारत को 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार के लिए इटली में मुकदमे का सामना कर रही हैं।
3600 करोड़ रुपए के इस सौदे में पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी सहित भारतीय अधिकारियों को कथित रिश्वत का भुगतान किए जाने का मामला इतालवी और भारतीय एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं। त्यागी ने रिश्वत प्राप्त करने के आरोपों से इनकार किया है।
अगस्तावेस्टलैंड के पूर्व और वर्तमान मुख्य कार्यकारियों क्रमश: गुइसेपी ओर्सी और ब्रूनो स्पैगनोलिनी कथित भ्रष्टाचार के लिए इटली में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। ओर्सी उस समय अगस्तावेस्टलैंड कंपनी के प्रमुख थे जब वर्ष 2010 में सौदे पर हस्ताक्षर किया गया था। ओर्सी फिलहाल मूल कंपनी फिनमेकेनिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं।
एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि सीबीआई के लिए अपने उन आरोपों को अंतिम रूप देने के लिए इन दोनों शीर्ष अधिकारियों के बयान महत्वपूर्ण हैं, जो कि आरोपपत्र में लगाए जाएंगे।
भारत इटली में चल रहे मुकदमे में दीवानी पक्ष बन गया जिससे उसे इतालवी अभियोजकों द्वारा इस मामले में पेश किये गए दस्तावेज प्राप्त करने में मदद मिली।
सीबीआई को बयानों के साथ ही उन प्रश्नों के उत्तर भी चाहिए जो कि इस मामले में उसकी जांच पर केंद्रित हैं। एजेंसी को उन आरोपों की पुष्टि करनी होगी जो उसने प्राथमिकी में लगाये हैं।
इसके अलावा उसे अपने आरोपपत्र में पूरे घटनाक्रम को जोड़ना होगा। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में दोनों कंपनियों के नाम शामिल किये हैं जिसमें 5.1 यूरो रिश्वत के बदले सौदे को अगस्तावेस्टलैंड के पक्ष में ‘‘करने’’ के लिए त्यागी और तीन कथित यूरोपीय बिचौलियों सहित 11 अन्य के नाम है।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि रिश्वत का स्थानांतरण भारतीय और ट्यूनीशियाई साइटों की एक वेब की मदद से किया गया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि वायुसेना प्रमुख त्यागी के कार्यकाल में ही वायुसेना ने वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की उड़ान भरने की अनिवार्य ऊंचाई छह हजार मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर दी थी। पहले वायुसेना ने इन हेलीकाप्टरों का सुरक्षा संबंधी आधार पर विरोध किया था कि इसकी उड़ान भरने की ऊंचाई कम है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 4, 2013, 17:03