Last Updated: Thursday, January 16, 2014, 09:16
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को सरकार को वह दिशानिर्देश दिखाने का आदेश दिया, जिसके आधार पर चयन समिति ने आवेदकों को कोयला ब्लॉक का आवंटन किया। न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की पीठ ने महान्यायवादी जी.ई वाहनवती से सवाल किया, वह दिशानिर्देश कहां है, जिसका अनुपालन चयन समिति ने किया? क्या दिशानिर्देश को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन में प्रकाशित किया गया था?
महान्यायवादी ने अदालत से कहा था कि विज्ञापन 2005 में प्रकाशित हुआ था और चयन समिति की बैठक 2006 में हुई थी। अदालत का आदेश चयन समिति की 36 बैठकों को उद्धत किए जाने के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि 115 आवेदनों में से बिजली मंत्रालय और केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) ने 28 आवेदकों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए जाने की सिफारिश की थी।
सिफारिश किए गए 28 आवेदनों में से चयन समिति ने 20 आवेदनों को मंजूरी दी और आठ को खारिज कर दिया। इसके साथ ही चयन समिति ने 11 और आवेदनों को मंजूरी दी। अदालत ने सवाल उठाया कि 20 आवेदनों को किस आधार पर स्वीकार किया गया, आठ को क्यों खारिज किया गया और 11 अन्य कंपनियों को चयन समिति ने क्यों जोड़ा, जिनकी सिफारिश नहीं की गई थी। अदालत ने कहा कि यह दिखाना होगा कि चयन समिति ने 20 को स्वीकारने, आठ को खारिज करने और 11 नई कंपनियों को लाने में समान दिशानिर्देश का पालन किया।
First Published: Thursday, January 16, 2014, 09:16