कोयला घोटाला: CBI का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, एक जांच अधिकारी बढ़ाने की मांग

कोयला घोटाला: CBI का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, एक जांच अधिकारी बढ़ाने की मांग

कोयला घोटाला: CBI का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, एक जांच अधिकारी बढ़ाने की मांगनई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर कोयला खदान आवंटन मामले की जांच कर रहे 39 अधिकारियों के दल में एक और अधिकारी को शामिल करने की अनुमति मांगी है।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि कई करोड़ रुपए के इस घोटाले की जांच कर रहे दल में कोई बदलाव नहीं किया जाए। यही कारण है कि जांच एजेंसी ने शीर्ष अदालत में यह याचिका दायर की है।

सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि मौजूदा जांच दल में एक और अधिकारी को शामिल करने के पीछे के कारण का खुलासा एक सीलबंद लिफाफे में किया गया है, जो कल मामले की सुनवाई के समय न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को सौंपा जाएगा।

जांच ब्यूरो ने तीन पेज की अर्जी में कहा है कि सीलबंद लिफाफे में बताये गये कारणों के मद्देनजर यह न्याय के हित में होगा यदि यह अदालत 39 अधिकारियों के दल में सीबीआई के एक और अधिकारी को शामिल करने की अनुमति प्रदान कर दे।

कोयला खदानों के आवंटन में गड़बड़ियों से संबंधित मामले में कल सुनवाई की उम्मीद है और इस दौरान ही संभवत: न्यायाधीश सीलबंद लिफाफे में पेश नयी प्रगति रिपोर्ट का अवलोकन भी करेंगे।

जांच ब्यूरो ने 22 अक्तूबर को अपनी नयी प्रगति रिपोर्ट पेश की थी जिसमें न्यायालय को 14वीं प्राथमिकी के बारे में जानकारी दिये जाने की संभावना है। यह प्राथमिकी उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, उनकी कंपनी हिन्डालको और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ दर्ज की गयी है।

इस मामले में एक अन्य अर्जी पर भी विचार होने की संभावना है। इस अर्जी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिनके पास उस समय कोयला मंत्रालय था, को उनके कार्यकाल के दौरान कोयला खदानों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

इस अर्जी में आवेदनकर्ता ने कोयला खदान आवंटन के मामले में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर प्रधानमंत्री को अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

इसी तरह बिड़ला और पारेख के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में प्रधानमंत्री का नाम भी शामिल करने के लिये सीबीआई को निर्देश देने हेतु दायर एक अन्य अर्जी पर भी न्यायालय में विचार होने की संभावना है।

न्यायालय ने 29 अगस्त को इस मामले की ढुलमुल जांच के लिये जांच एजेन्सी को आड़े हाथ लिया था। जांच ब्यूरो द्वारा इस प्रकरण से जुड़े शेष अन्य मामलों की प्रगति के बारे में भी कल न्यायालय को अवगत कराने की संभावना है। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 28, 2013, 11:36

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