Last Updated: Sunday, October 20, 2013, 17:48
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन के फैसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव करते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि फाइल पर हस्ताक्षर करने से पहले पीएम हर बारीक चीज की पड़ताल करेंगे, ऐसा नहीं समझना चाहिए।
खुर्शीद ने कहा, ‘जो भी फाइल पीएमओ के पास आती है, उस फाइल का विश्लेषण पीएमओ करता है और इसके बाद वह हस्ताक्षर के लिए प्रधानमंत्री के पास भेज देता है। क्या आप उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री हस्ताक्षर करने से पहले फाइल के हर पन्ने को पढ़ेंगे? मैं मंत्री रहा हूं। यदि काम इस तरीके से किया जाने लगे तो कुछ भी पूरा नहीं होगा।’
खुर्शीद ने कहा, ‘इसमें कोई साजिश नहीं है। हमने एक निर्णय लिया। फाइल आगे भेजी गई और उसे मंजूरी मिल गई।’
गौरतलब है कि हिंडाल्को को ओडिशा में कोल ब्लॉक्स आवंटन मामले में पीएमओ द्वारा बयान जारी किए जाने के एक दिन बाद खुर्शीद ने यह बयान दिया है।
पीएमओ ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने मंजूरी मामले की पात्रता के आधार पर दी थी जो उनके समक्ष रखी गई थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने निर्णय का बचाव करते हुए सिंह द्वारा इससे पहले दिये गए बयानों का हवाला दिया कि सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है और वह सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करेगी जो इस मामले की जांच कर रही है।
ओड़िशा में तालाबिरा कोयला ब्लॉक का आवंटन हंगामे के केंद्र बिंदु में है जिसमें सीबीआई ने आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पारेख ने कहा है कि यदि वह षड्यंत्र के आरोपी थे तो प्रधानमंत्री को भी एक आरोपी बनाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने इस संबंध में संशोधित निर्णय को मंजूरी दी थी।
First Published: Sunday, October 20, 2013, 17:48