कोलगेट: मंत्रियों ने किया पीएम का बचाव, सीबीआई ने दी नियमों की दुहाई । Coalgate: UPA ministers defend PM; CBI says following rule book

कोलगेट: मंत्रियों ने किया पीएम का बचाव, सीबीआई ने दी नियमों की दुहाई

कोलगेट: मंत्रियों ने किया पीएम का बचाव, सीबीआई ने दी नियमों की दुहाईज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : कोयला ब्लॉक आवंटन में उद्योगपतियों के खिलाफ ताजा प्राथमिकी को न्यायोचित ठहराते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का कहना है कि जांच एजेंसी केवल सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन कर रही है। वहीं, यूपीए सरकार के कई मंत्री कोयला आवंटन मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बचाव में उतर गए हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक रंजीत सिन्हा ने कोयला ब्लॉक आवंटन में उद्योगपतियों के खिलाफ ताजा प्राथमिकी को न्यायोचित ठहराते हुए कहा है कि जांच एजेंसी केवल सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन कर रही है। पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के बयान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह हमारी चिंता का विषय नहीं है कि अन्य एजेंसियां पूर्व कोयला सचिव के बारे में क्या कहती हैं। सिन्हा ने कहा कि हमारे पास प्रमाण है कि पारेख ने स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले को बदल दिया और बिड़ला को कोयला ब्लॉक का आवंटन किया।

सिन्हा ने कहा कि यह जांच का आरंभिक चरण है और सभी आरोपियों को अपना बचाव करने का एक मौका उपलब्ध होगा। यह सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी वाली एक जांच है और हम नियमों के हिसाब से चल रहे हैं। कुछ मंत्रियों और उद्यमियों ने कहा था कि सीबीआई के कदमों से देश में केवल भय का माहौल पैदा हुआ है। इसके बाद सीबीआई की यह टिप्पणी सामने आई है।

उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने कोयला खान आवंटन में आज कहा कि मामले में सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों को जो भी कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए वह राज्य सरकारों की सिफारिश पर किए गए। नारायणसामी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जहां तक सरकार का इस मामले से संबंध है, हम यह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि राज्य सरकारों की सिफारिश पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियों को कोयला खानों का आवंटन किया गया।

मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में कोयला खानें स्थित हैं, उनके मुख्य सचिव समिति के सदस्य हैं। समिति ने ही इसे (कोयला ब्लॉक आवंटन) को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से हमारे पास छुपाने के लिये कुछ भी नहीं है। हमने यह सब पूरी पारदर्शिता के साथ किया है। नारायणसामी ने हालांकि, पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोयला खान आवंटन मामले में अंतिम निर्णय लेने के लिए दोषी ठहराये जाने के बारे में कुछ नहीं कहा। पूर्व कोयला सचिव एक मामले में पहले ही आरोपी हैं।

नारायणसामी ने कहा कि मैं किसी व्यक्ति विशेष द्वारा की गई टिप्पणी पर कुछ नहीं कहना चाहता। मामला न्यायालय के विचाराधीन है, मैं कुछ नहीं कह सकता। उन्होंने कहा कि यह मामला है जिसकी केन्द्रीय जांच ब्यूरो जांच कर रहा है। ब्यूरो ने मामले में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है। वह मामले की जांच कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय भी मामले की निगरानी कर रहा है। इसमें सरकार की तरफ से जो सूचना देना संभव हो सका है, वह हमने उन्हें दी है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कोयला आवंटन मामले में उद्योगपति कुमार मंगलम बिरला और पूर्व कोयला सचिव पारेख के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने के बारे में पूछे जाने पर नारायणसामी ने कहा कि मैं इसके गुणदोष में नहीं जाना चाहता हूं।

नारायणसामी ने कहा कि मेरे कुछ साथियों ने कुछ टिप्पणियां की हैं। जो रझान दिख रहे हैं वह देश के लिये ठीक नहीं है। मैं केवल इतना ही कह सकता हूं। सीबीआई ने दो दिन पहले ही पारेख और कुमार मंगलम बिरला के खिलाफ दो कोयला खानों के आवंटन में कथित तौर पर अनियमितता और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

उधर, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव करते हुए गुरुवार को कहा कि उन्हें किसी से भी ईमानदारी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के आरोपों के बाद विपक्षी दल भाजपा ने प्रधानमंत्री सिंह से इस्तीफे की मांग की है। पारेख का आरोप है कि प्रधानमंत्री को पता था कि हिंडाल्को जैसी कंपनियों को कोयला खाने आवंटित की जा रही हैं, ऐसे में उन्हें भी साजिशकर्ता के रूप में आरोपी बनाया जाना चाहिए।

जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री की ईमानदारी तथा प्रतिबद्धता के बारे में पूरा देश जानता है। उन्हें अपनी ईमानदारी सिद्ध करने के लिए किसी से भी किसी तरह के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।

उधर, कई शीर्ष पूर्व नौकरशाहों ने पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख का समर्थन किया है और चेतावनी दी है कि ईमानदार अधिकारियों को अगर परेशान किया जाता है तो सरकार की विश्वसनीयता घटेगी और वरिष्ठ अधिकारी निर्णय लेने से बचेंगे। कोयला खदान आवंटन घोटाला मामले में सीबीआई ने पारेख के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पूर्व कोयला सचिव ईएएस शर्मा ने कहा कि जैसा कि मैं जानता हूं कि पारेख ईमानदार और योग्य अधिकारी हैं। मैं सीबीआई की जांच पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्यों कि मेरे पास संबंधित तथ्य नहीं हैं, पर मैं यह समझ नहीं पाया कि केवल उनके खिलाफ प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई और पीएमओ तथा किसी मंत्री के खिलाफ क्यों नहीं दर्ज की गई।

पूर्व आईएएस अधिकारी शर्मा ने कहा अगर यह साजिश का मामला है तो सभी साजिशकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि कोई साजिश नहीं हूई है।

First Published: Thursday, October 17, 2013, 18:13

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