`आंध्र, तेलंगाना की सुरक्षा को एक ही राज्यपाल जिम्मेदार होंगे`

`आंध्र, तेलंगाना की सुरक्षा को एक ही राज्यपाल जिम्मेदार होंगे`

हैदराबाद : आंध्रप्रदेश का बंटवारा होने के बाद नए राज्य तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के लिए ‘एक ही राज्यपाल’ होंगे और साझा राजधानी हैदराबाद में रहने वाले लोगों के जीवन, स्वतंत्रता एवं संपत्ति की सुरक्षा की उन पर ‘विशेष जिम्मेदारी’होगी। बहरहाल साझा राज्यपाल तेलंगाना के मंत्री परिषद् से विचार-विमर्श के बाद ही अपनी विशेष जिम्मेदारी निभाएंगे।

मसौदा आंध्रप्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2013 के मुताबिक राज्यपाल कार्रवाई करने के लिए ‘व्यक्तिगत फैसला’ ले सकेंगे और उनका निर्णय अंतिम होगा। मसौदा विधेयक के एक प्रावधान के मुताबिक, ‘राज्यपाल की कानून व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और साझा राजधानी इलाके में सरकारी भवनों के प्रबंधन एवं आवंटन में खास जवाबदेही होगी ।’

मसौदा विधेयक में कहा गया है, ‘तेलंगाना की मंत्री परिषद् से विचार..विमर्श करके ही वह अपनी जिम्मेदारी निभा सकेंगे।’ मसौदा विधेयक में कहा गया है, ‘इस सिलसिले में राज्यपाल का अधिकार अंतिम होगा और किसी भी कार्य की वैधता पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकेंगे।’ राज्यपाल का सहयोग दो सलाहकार करेंगे जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी ।

बहरहाल, बंटवारे के मुद्दे पर गौर करने के लिए गठित मंत्री समूह ने अनुशंसा की है कि ‘साझा राज्यपाल’ की व्यवस्था दस वर्ष से ज्यादा के लिए नहीं होनी चाहिए। मसौदा विधेयक में कहा गया है, ‘वर्तमान आंध्रप्रदेश के राज्यपाल ही इस अवधि तक आंध्रप्रदेश और तेलंगाना दोनों के राज्यपाल होंगे और इसका फैसला राष्ट्रपति करेंगे।’

बहरहाल मसौदा विधेयक पर कानूनी मामलों के विभाग ने कहा, ‘यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि नए राज्य की मंत्री परिषद् द्वारा विभिन्न मुद्दों पर दी गई सलाह को लेकर विचारों एवं हितों में अलगाव होने की संभावना है।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, December 6, 2013, 21:10

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