तेलंगाना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे राजगोपाल

तेलंगाना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे राजगोपाल

नई दिल्ली : आंध्रप्रदेश के विभाजन के सरकार के फैसले को ‘असंवैधानिक’ और ‘अलोकतांत्रिक’ बताते हुए सीमांध्र के कांग्रेस सांसद एल. राजगोपाल ने आज कहा कि वह इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विभाजन का फैसला संविधान के ढांचे और संघीय सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

राजगोपाल ने कहा कि आंध्रप्रदेश की आबादी का बड़ा हिस्सा राज्य के विभाजन के विरोध में है। उन्होंने कहा कि जब इस बारे में प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा तो ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि यह नामंजूर हो जाए।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आंध्रप्रदेश को विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दूंगा।’ सीमांध्र से आने वाले नेताओं और मंत्रियों के कड़े विरोध के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल आंध्रप्रदेश से अलग कर तेलंगाना राज्य बनाने के फैसले पर आगे बढ़ने का निर्णय किया।

विजयवाड़ा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राजगोपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि क्षेत्र के अन्य सांसद और मंत्री उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, सीमांध्र क्षेत्र के केंद्रीय मंत्री, मंत्री और विधायकों की आज आगे की रणनीति बनाने के लिए हैदराबाद में एक बैठक होगी। राजगोपाल ने कहा कि किसी राज्य के विभाजन का जब सवाल आए तो उसके बारे में स्पष्ट दिशानिर्देश होना चाहिए।

उन्होंने वर्ष 1994 के एसआर बोम्मई बनाम भारत सरकार के मामले में दिए गए ऐतिहासिक फैसले का संदर्भ दिया जिसमें उच्चतम न्यायालय ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए अनुच्छेद 356 का उपयोग करने के संबंध में कड़े दिशानिर्देश तय किए थे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में राज्य के विभाजन का फैसला केंद्र की इच्छा जनता पर थोपने के अलावा और कुछ नहीं होता और यह संघीय सिद्धांतों के खिलाफ है। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 4, 2013, 12:59

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