Last Updated: Thursday, January 23, 2014, 23:43
ज़ी मीडिया ब्यूरो/प्रवीण कुमारनई दिल्ली : केंद्र की सरकार में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस ने जल्द ही कुछ अहम फैसलों का संकेत देते हुए गुरुवार को कहा कि बहुत जल्द सभी गठबंधन तैयार कर लिए जाएंगे। यानी कांग्रेस गठबंधन का नया चेहरा बहुत जल्द सामने आएगा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से बातचीत में गठबंधन पर अपनी टिप्पणियों का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति को इस मुद्दे पर फैसला करना है। इसी बीच गुरुवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार विमर्श किया।
सोनिया की आला नेताओं से यह मुलाकात ऐसे दिन हुई जब आंध्रप्रदेश विधानसभा को मसौदा तेलंगाना विधेयक पर चर्चा करने के लिए सात दिन का समय और दिया गया है। चुनावी गठबंधन को लेकर सोनिया ने जिन नेताओं के साथ बातचीत की उनमें गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और कांग्रेस प्रमुख के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल शामिल थे। एंटनी इस समिति के प्रमुख हैं जिन्हें गठबंधन के मुद्दे को सुलझाना है।
मालूम हो कि बिहार में लालू प्रसाद की राजद और रामविलास पासवान की लोजपा कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती है। जबकि उत्तर प्रदेश में पार्टी नेताओं का एक हिस्सा मायावती की बसपा के साथ चुनावी तालमेल करने पर जोर दे रहा है। हालांकि मायावती ने पिछले हफ्ते अपने जन्मदिन के भाषण में किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि बसपा इस साल अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में चेन्नई में द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि से मुलाकात की थी। करुणानिधि से आजाद की यह मुलाकात द्रमुक के साथ कांग्रेस के गठबंधन की बहाली की चर्चा के बीच हुई। उल्लेखनीय है कि एक साल पहले तक द्रमुक कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा रह चुका है।
बसपा और राजद के साथ गठबंधन से अगले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रमुख राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं में काफी इजाफा होने की उम्मीद है। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की कुल 120 सीटें हैं। कांग्रेस की समझ यह है कि लोजपा की शिरकत वाले किसी गठबंधन से कांग्रेस को झारखंड में भी चुनावी फायदा हो सकती है जहां लोकसभा की 14 सीटें हैं। साथ ही, इस तरह के गठबंधन का थोड़ा-बहुत प्रभाव हरियाणा और पंजाब में भी हो सकता है।
हाल के चुनावों में चार राज्यों में हार के बाद कांग्रेस गठबंधन बनाने के अपने फैसले में तेजी लाना चाह रही है। जहां राकांपा, नेशनल कान्फ्रेंस और राष्ट्रीय लोक दल के साथ कांग्रेस का गठबंधन जारी रहता दिख रहा है, पार्टी को उम्मीद है कि अंतत: द्रमुक संप्रग में लौटेगा। रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में मनप्रीत सिंह बादल की पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब और असम में बदरूद्दीन अजमल का ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट भी कांग्रेस के गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
First Published: Thursday, January 23, 2014, 23:43