Last Updated: Friday, October 18, 2013, 23:46
नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस सांसदों ने फिर से अपना इस्तीफा सौंपने की योजना बनाई है। इन सांसदों के इस्तीफे शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने नामंजूर कर दिए। कांग्रेस के सांसद ए. साई प्रताप ने कहा कि `अध्यक्ष के प्रारूप` में इस्तीफा सौंपने का फैसला लेने के लिए सांसद अगले कुछ दिनों में बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर अपना इस्तीफा सौंपेंगे और यदि लोकसभा अध्यक्ष उसे फिर से नामंजूर करती हैं तो हम संसद में तेलंगाना पर विधेयक के खिलाफ मतदान करेंगे। एक अन्य कांग्रेसी एम. श्रीनिवासलु रेड्डी ने कहा कि वे आंध्र प्रदेश के बंटवारे का विरोध कर रहे सीमांध्र के लोगों के साथ एकजुट हैं।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के 13 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए। लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि कोई भी इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। रायलसीमा और तटीय आंध्र (सीमांध्र) के इन सांसदों ने आंध्र प्रदेश से तेलंगाना क्षेत्र को पृथक राज्य के रूप में गठित किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में इस्तीफा सौंपा था। इस्तीफा देने वालों में ए. साई प्रताप अनंत वेंकटरामी रेड्डी, सी. वी. हर्ष कुमार, वुंडावल्लि अरुण कुमार, लगदापति राजगोपाल, सब्बम हरि, एस. पी. वाई. रेड्डी, रायपति संबा शिव राव, मगंति श्रीनिवासलु रेड्डी, वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, मेकापति राजमोहन रेड्डी और कोनकल्ला नारायण शामिल हैं। इनमें से 10 कांग्रेस के, दो वाईएसआर कांग्रेस के और एक तेलुगू देशम पार्टी के सांसद हैं।
राजगोपाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर लोकसभा अध्यक्ष को उनका इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग भी कर चुके हैं। राजगोपाल ने कहा कि वे सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर फिर से अपना इस्तीफा सौंपेंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 18, 2013, 23:46