Last Updated: Monday, October 14, 2013, 23:27

अहमदाबाद : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका में श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को महज एक बाजार समझना भूल होगी।
गांधीनगर में अपने आवास से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए वाशिंगटन में ‘ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट फोरम’ में श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इन उभरते देशों (भारत जैसे) को महज एक बाजार समझना भूल होगी। क्या वे सिर्फ बाजार हैं? क्या हम अपनी शब्दावली बदल सकते हैं? वे उभरते हुए विकास केंद्र हैं। ये देश मानव संसाधन की अपार क्षमताओं और लागत प्रभावी होने के मामले में समृद्ध हैं।’’
वर्ष 2002 के दंगों के बाद मोदी को अमेरिकी वीजा की मनाही के बाद से वह हाल के दिनों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ही जरिए वहां के सम्मलेनों को संबोधित करते रहे हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सरकार ज्यादा दिनों तक लोगों को हलके में नहीं ले सकती। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हम ऐसे चरण में पहुंच चुके हैं, जहां लोग मूर्ख बनने के लिए तैयार नहीं है।’’ लोकतंत्र के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी अपनी खामियां है, लेकिन भारत जैसे विविधता भरे देश के लिए यह एक सबसे अच्छी प्रणाली है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के सबसे उच्च प्रदर्शन करने वाले देश लोकतांत्रिक ही हैं, ये सभी सामंती और कृषक समाज के अलावा सत्तावादी शासनों से होकर गुजरी हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘(हमने) सत्तावादी प्रणालियों और लोकतंत्र को देखा है। लोकतंत्र में लोगों की अपनी सरकार चुनना श्रेष्ठ संभव प्रणाली है। इसकी कुछ सीमाएं भी हैं, लेकिन इससे बेहतर कुछ नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि हम सरकार को प्रदाता और लोगों को लाभांवित के तौर पर लेते हैं। यह लोगों को सक्रीय प्रतिभागी बनने से रोकती है। एक बार जब हम इसे दुरस्त कर लेंगे, तब लोकतंत्र के अच्छे परिणाम दिखने को मिल सकते हैं।
उन्होंने दूसरे राज्यों में हुए बदलावों का भी जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात का मंत्र है ‘भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास’।
मोदी ने साथ ही कहा कि दीर्घकालिक लाभ में लिए गए सख्त फैसलों को स्वीकारने के लिए लोगों को मनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग कड़वी दवाएं भी खाने को तैयार हैं, सिर्फ वे यह आश्वासन चाहते हैं कि यह उनकी भलाई के लिए हो रहा है।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, October 14, 2013, 23:27