Last Updated: Saturday, December 21, 2013, 21:10

नई दिल्ली : यह स्वीकार करते हुए कि भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है जो लोगों का खून चूस रहा है, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि अनियंत्रित शक्तियां परियोजनाओं को रोक रही हैं। व्यापार जगत के दिग्गजों से बातचीत करते हुए और उनकी चिंताओं का उत्तर देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने स्थिति में सुधार लाने के लिए मंजूरी देने में नियम आधारित व्यवस्था की वकालत की।
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि संप्रग सरकार भ्रष्टाचार से निपटने और विकास को आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए लोकपाल कानून सहित संप्रग सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। कांग्रेस नेता ने देश जब सौ साल का हो (आजादी के बाद) तो उसे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तब्दील करने के लिए विकास, मंहगाई, मंजूरी, जवाबदेही और पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर बात की और गरीबी दूर करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
राहुल गांधी ने यहां फिक्की की आम सभा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, नियामक व्यवस्था को तेजी से और मौलिक रूप से आधुनिक बनाने की आवश्यकता के प्रति वह पूरी तरह सहमत हैं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को मंजूरी देने में लंबा समय लिए जाने का कोई बहाना नहीं होना चाहिए। हम तेजी से बढ रही अर्थव्यवस्था हैं। निर्णय लेने में धीमी रफ्तार के शिकार होने की इजाजत नहीं दी जा सकती। जवाबदेही स्पष्ट, निर्धारित और समय सीमाबद्ध होनी चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा, सबसे बड़ी समस्या व्यवस्था के हर स्तर पर अनियंत्रित शक्तियां हैं । इसका हम सामना करते हैं। भारत में ढेर सारी अनियंत्रित शक्तियां हैं। पर्यावरण मंत्री या मुख्यमंत्री कोई भी निर्णय ले सकता है जो वह चाहता है। वह उद्योग जगत की उन चिंताओं का उत्तर दे रहे थे कि मंजूरी समस्या के चलते परियोजनायें रूकी पड़ी हैं। अनियंत्रित शक्तियों को समाप्त करने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इन चीजों में वास्तविक मुद्दा चाहे वह भूमि अधिग्रहण का हो या पर्यावरण मंजूरी का हो यह अनियंत्रित शक्तियां हैं।
राहुल ने कहा कि देश में प्रतिमान बदल गये हैं और ऐसे परिदृश्य में हमें नियम आधारित ढांचा खड़ा करना होगा। हमें उन अनियंत्रित शक्तियों के विचार से दूर होना पड़ेगा कि पर्यावरण मंत्री या मुख्य मंत्री कुछ भी कर सकते हैं।
मंहगाई पर काबू पाने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढोत्तरी के साथ उच्च मुद्रास्फीति तत्कालिक चिंता है। इसने घर के बजट को बिगाड़ दिया है और औद्योगिक वृद्धि के लिए समस्या उत्पन्न की है। यह हमारे लोगों को हर दिन तकलीफ देता है । महंगाई को मात देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी को समाप्त करना होगा। ढांचा बाधाओं को दूर करना होगा और खेत से लेकर थाली तक के आपूर्ति ढांचे को तेजी से आधुनिक बनाना होगा।
कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि यह संप्रग सरकार है जिसने भ्रष्टाचार से मुकाबला करने के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार हमारी जनता का खून चूस रहा है। यह हमारे देश के लोगों पर एक अस्वीकार्य बोझ है। हमें अपनी पूरी ताकत और पक्के इरादे के साथ भ्रष्टाचार से लड़ना होगा। इस सरकार ने भ्रष्टाचार का मुकाबला करने में किसी भी दूसरी सरकार से ज्यादा काम किया है। इस क्रम में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सूचना का अधिकार कानून और लोकपाल कानून का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार ने अदालत के उस फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश को ठुकरा दिया जिसमें सजायाफ्ता लोगों को ससंद एवं विधानसभा से दूर रखा गया था। लेकिन साथ ही कहा कि हमें इससे और आगे जाने की जरूरत है।
पर्यावरण मंजूरी के चलते परियोजनाओं में अनावश्यक विलंब को लेकर उद्योग जगत की निराशा का उल्लेख करते हुए कहा, अत्यधिक प्रशासनिक एवं न्यायिक विशेषाधिकार हैं। छेद इतने बड़े हैं कि इनमें से कुछ में आप ट्रक चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और समाजिक नुकसान को रोका जाये लेकिन निर्णय पारदर्शी समय पर और उचित भी होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि संप्रग सरकार एक प्राकृतिक संसाधन निवेश स्पेशल परपस व्हीकल पर विचार कर रही है । विचार यह है कि निजी क्षेत्र को परियोजना का निविदा देने से पहले सारी मंजूरी प्राप्त कर ली जाये । यह एक शक्तिशाली और अभिनव विचार है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 21, 2013, 19:43