महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं : सुप्रीम कोर्ट

महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : महिलाओं के प्रति अपराधों में हो रही वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वे सुरक्षित नहीं हैं और बसों में यात्रा करते समय भी उनका उत्पीड़न किया जाता है।

न्यामयूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आश्चर्य व्यक्त किया कि हाल के वर्षों में सरकार के प्रति लोगों का भरोसा क्यों कम हो रहा है और वे सड़कों पर आ रहे हैं। न्यायाधीशों ने सवाल किया, ‘पिछले कुछ सालों से यह सब क्यों हो रहा है? लोगों का भरोसा क्यों खत्म हो रहा है? ऐसा तो दस साल पहले नहीं हुआ था।

महिलाओं के प्रति अपराधों का मामला तो पिछले पांच साल में ही प्रमुखता से सामने आया है। वे खामोशी से सब सहती थीं और कुछ मामलों को छोड़कर वे अभी भी ऐसा ही करती हैं।’ न्यायालय ने कहा कि 16 दिसंबर की सामूहिक बलात्कार की घटना इकलौती नहीं है और पहले भी इस तरह के अपराध हुए हैं।

न्यायाधीशों ने कहा, ‘रोजाना बसों में यात्रा करते समय लड़कियों का उत्पीड़न होता है। महिलायें अभी भी सह रही हैं। हम निर्भया को याद कर रहे हैं लेकिन पहले की घटनाओं की यादें भी सुखद नहीं है और पहले भी इस तरह के मामले होते रहे हैं।’ न्यायालय ने कहा कि अब लोग सड़कों पर आ रहे हैं क्योंकि वे संतुष्ट नहीं हैं और उनके अधिकारों की रक्षा सरकारी संस्थायें भी नहीं कर रही हैं।

न्यायालय इस साल जून में बलात्कार के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं किये जाने के खिलाफ विरोध कर रहे आम आदमी पार्टी के सदस्यों की पुलिस द्वारा कथित पिटाई की घटना की जांच के लिये विशेष दल गठित करने हेतु दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

न्यायालय ने कहा कि इस पर बाद में आदेश दिया जाएगा। इस बीच, न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण और दिल्ली सरकार के वकील सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि वे ऐसे दो नामों का सुझाव दें जिन्हें जांच दल का सदस्य बनाया जा सके। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 30, 2013, 23:21

comments powered by Disqus