Last Updated: Thursday, February 6, 2014, 13:15

नई दिल्ली : तेलंगाना मुद्दे को लेकर गुरुवार को लगातार दूसरे दिन लोकसभा नहीं चल पाई। तेलंगाना के अलावा विभिन्न दलों के सदस्य अपने अपने मुद्दे लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे जिसके कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पायी और एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही लगभग सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर देनी पड़ी।
शीतकालीन सत्र की कल से शुरू हुई विस्तारित बैठक में आज दूसरे दिन भी हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका। अध्यक्ष मीरा कुमार ने हालांकि भारी हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज और विभिन्न मंत्रालयों से जुड़ी संसदीय समितियों की रिपोर्टे भी सदन के पटल पर रखवाई। इनमें लोक लेखा समिति की 9, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति की कार्रवाई संबंधी 13, रेल संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट, कोयला और इस्पात संबंधी स्थायी समिति की 5, परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की 6, कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी स्थायी समिति की 3 रिपोर्ट शामिल हैं।
इससे पूर्व, सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस, तेदेपा और जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व में वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य एकीकृत आंध्रप्रदेश की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, आंध्रप्रदेश को एकजुट रखें। सीमांध्र क्षेत्र के सदस्य जय सम्यक आंध्रा’ का नारा लगाते हुए लोकतंत्र को बचाने की मांग कर रहे थे। द्रमुक सदस्य तमिलनाडु के मछुआरों की स्थिति को उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थी जिसपर लिखा था, तमिलनाडु के मछुआरों को बचाओ। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 6, 2014, 13:15