राज्यसभा टिकट नहीं मिला तो बागी हुए शिवानंद

राज्यसभा टिकट नहीं मिला तो बागी हुए शिवानंद

पटना : जदयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने राज्यसभा का पुन: उम्मीदवार नहीं बनाए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बागी तेवर दिखाते हुए जदयू के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को लिखे पत्र में शिवानंद ने कहा कि उन्हें अखबारों में लोकसभा चुनाव लड़ने के संबंध में फैसला करने के लिए अल्टीमेटम देने की खबर उनके हवाले से छपी है। इस खबर से वे अचंभित हैं।

उन्होंने सिंह से कहा है, ‘उनकी स्मरण शक्ति पर उम्र का असर समय से पहले पड़ने लगा है। 22 जनवरी की रात आपने मुझे नीतीश कुमार का फरमान सुनाया था कि बक्सर से चुनाव लड़ना है तो अविलंब मैंने आपको बता दिया कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा।’ शिवानंद ने अपने पत्र में नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो व्यक्ति उन्हें काटने के लिए बाकी दो निर्दोषों (साबिर अली और एनके सिंह) का भी राज्यसभा का पत्ता काट दे उसके टिकट पर चुनाव लड़ने की मुखर्ता कैसे कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी बात अगले दिन कर्पूरी जयंती के दौरान साबित हो गयी जब नीतीश ने अपने भाषण के दरम्यान चुनौती भरे लहजे में कहा कि जो लोग कहते हैं कि पार्टी कमजोर है वे चुनाव लड़कर दिखायें। शिवानंद ने कहा कि जिस ढंग से पार्टी चलायी जा रही है उससे पार्टी कमजोर हो रही है। ऐसा तो सिर्फ उन्होंने ही राजगीर की शिविर में कहा था। ऐसे में एनके सिंह और साबिर अली को चुनाव लडने के लिए क्यों कहा जा रहा है।

तिवारी ने कहा कि हद तो साबिर अली के मामले में हुई है। उसे तो रामविलास पासवान ने राज्यसभा में भेजा था। उनका तो वहीं कार्यकाल समाप्त हो रहा है। दोबारा राज्यसभा में उन्हें भेजा जाएगा इसी शर्त पर साबिर हम लोगों के साथ आये थे। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार पिछली बार नीतीश जब दिल्ली आए थे बिहार निवास में साबिर अली और एनके सिंह की मौजूदगी में जब किसी ने नीतीश से पूछा कि साबिर जी का कार्यकाल तो समाप्त हो रहा है। अब इनका क्या होगा तो नीतीश ने सबके सामने कहा था कि साबिर जी दोबारा राज्यसभा जाएंगे।

शिवानंद ने आरोप लगाया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में साबिर का किस प्रकार से दोहन हुआ है यह बहुतों की जानकारी में है। जिसमें थोड़ी भी आदमीयत होगी वह उसके साथ इस प्रकार का व्यवहार कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे अच्छी तरह जानते हैं कि नीतीश जिताने के लिए नहीं, उन्हें हराने के लिए चुनाव लड़ने को कह रहे हैं।

शिवानंद ने कहा कि राजग से जब हम लोग बाहर निकले थे उसी समय उन्होंने नीतीश को कहा था कि वे चुनाव लड़ना चाहते हैं। आप लड़िए यह कहने में उस समय क्या दिक्कत थी। चुनाव लड़ने का फैसला सुनाने के लिए श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल का मंच क्यों चुना गया। फैसला सुनाने का जो अंदाज और तेवर था वह चुनाव जिताने वाला था या हराने वाला। उन्होंने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से कहा है कि ऐसे में जब परसों दोबारा उन्होंने उनसे पूछा तो फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया था। ऐसे में अल्टीमेटम वाली बात कहां से आ गयी, यह आश्चर्य है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 30, 2014, 00:10

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