Last Updated: Monday, October 14, 2013, 23:19
नई दिल्ली: भारतीय जलक्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों के कारण तटरक्षकों द्वारा एक अमेरिकी जहाज को रोके जाने के मामले में सरकार रिपोर्ट का इंतजार कर रही है । समझा जाता है कि इस पर लदे हथियारों की आपूर्ति निजी एजेंसियों को की जानी थी जो समुद्र में डकैती की घटनाएं रोकने में शामिल हैं।
उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नेहचल संधू ने सोमवार को कहा, ‘‘इससे पहले मलक्का जलडमरूमध्य में समुद्री डकैती की घटनाएं हुईं और अब खाड़ी में। जो लोग ऐसी सुरक्षा मुहैया कराते हैं उन्हें समुद्र में तैरते शस्त्रागार की जरूरत होती है। मेरा संदेह है कि तूतीकोरिन में जहाज पर जो हथियार पकड़े गए हैं वे इन निजी सुरक्षा एजेंसियों में से एक के थे।’’
खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख संधू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में समुद्री डकैती की घटनाएं बढ़ी हैं और समुद्री डकैतों के खिलाफ नागरिक समुद्री अभियान ने निजी समुद्री सुरक्षा कम्पनियों को तैनात किया है।
जहाज एम वी सीमैन गार्ड ओहायो को भारतीय तटरक्षकों ने शनिवार को तूतीकोरिन के 15 समुद्री मील पूर्व में रोका। इसके चालक दल में आठ भारतीय शामिल हैं।
जहाज के चालक दल के 10 सदस्यों और 25 गार्ड्स के खिलाफ तमिलनाडु मरीन पुलिस ने गैरकानूनी रूप से हथियार और गोला बारूद लेकर चलने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
इसके अलावा आवश्यक वस्तु कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है क्योंकि जहाज पर सवार लोगों ने स्थानीय एजेंटों के जरिए 1500 लीटर डीजल अवैध रूप से खरीदा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह वाकया केरल तट पर 2012 की उस घटना जैसा है जब एक इतालवी जहाज के गार्ड्स ने भारतीय मछुआरों पर गोली चलाई थी, जिसमें दो की मौत हो गई थी, संधू ने कहा कि वह एक अलग तरह की घटना थी और इस जहाज को जब्त किए जाने से उस घटना की तुलना नहीं की जा सकती।
एक समारोह से इतर उन्होंने कहा, ‘‘इतालवी मरीन मामले में, अपराध हुआ था, लेकिन यहां एक जहाज में हथियार मिले हैं।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, October 14, 2013, 23:19