Last Updated: Wednesday, February 26, 2014, 23:51
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : केन्द्र सरकार 1993 के दिल्ली धमाके के दोषी देविंदर पाल सिंह भुल्लर को फांसी पर लटकाने के खिलाफ है। केन्द्र सरकार का कहना है कि खराब सेहत के कारण भुल्लर को फांसी नहीं दी जानी चाहिए।
केन्द्र सरकार ने कहा कि भुल्लर की पत्नी ने जो दया याचिका दी है उसपर विचार किया जा रहा है। दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने भी भुल्लर की सजा माफ करने की सिफारिश की है। कोर्ट 10 मार्च को मामले पर सुनवाई करेगा। दो सप्ताह पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि भुल्लर की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया जाए क्योंकि उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जनवरी में दिए उस आदेश का हवाला दिया था कि दया याचिका के निपटारे में अनावश्यक देरी सजा माफ किए जाने का ठोस कारण हो सकती है। 1993 के दिल्ली धमाके में दोषी भुल्लर को फांसी की सजा सुनाई गई थी। धमाकों में 9 लोग मारे गए थे। जनवरी 2003 में उसने राष्ट्रपति को दया याचिका दी। आठ साल बाद उसकी याचिका खारिज कर दी गई।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने समीक्षा के लिए एक और याचिका दाखिल की। भुल्लर के परिवार का कहना है कि मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसे फांसी पर नहीं लटकाना चाहिए। पिछले साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने संबंधी याचिका खारिज कर दी थी। तब से उसका परिवार फांसी पर लटकाए जाने के फैसले को चुनौती दे रहा है।
First Published: Wednesday, February 26, 2014, 23:51