Last Updated: Monday, January 13, 2014, 10:47
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ अमेरिका में घरेलू सहायक प्रकरण विवाद के बाद विदेश मंत्रालय ने कथित तौर पर वित्त मंत्रालय पर इस बात के लिए दबाव बढ़ाया है कि अन्य भारतीय राजनयिकों व दूतों के साथ अमेरिका जाने वाले घरेलू कामगारों के स्टेटस में बदलाव लाया जाए। सूत्रों के अनुसार, यह कवायद देवयानी प्रकरण के बाद उठे विवाद को देखते हुए की जा रही है। गौर हो कि इस समय अमेरिका में कई घरेलू सहायक वहां रह रहे हैं।
एक अंग्रेजी न्यूज चैनल के अनुसार, इस मसले को लेकर विदेश सचिव सुजाता सिंह ने रविवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात की। देवयानी के घरेलू सहायक संगीता रिचर्ड की तरह इस समय 14 और घरेलू सहायक अमेरिका में हैं और वे वहां ए-3 वीजा पर गए हैं। गौर हो कि यह वीजा अमेरिकी कानून के दायरे में आता है।
ये सभी यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की ओर दिए गए व्यवस्था के तहत वहां गए हैं।
उधर, भारत ने इस बात पर बल दिया कि अमेरिका को उसकी राजनयिक देवयानी खोबरागडे के खिलाफ वीजा धोखाधडी का आरोप वापस ले लेना चाहिए। अमेरिकी अधिकारियों द्वारा निष्कासित करने के बाद देवयानी दो दिन पहले यहां वापस लौट आई हैं। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि देवयानी किसी गलत काम की दोषी नहीं है। देवयानी ने खुर्शीद एवं विदेश सचिव सुजाता सिंह से यहां मुलाकात की और अपनी आपबीती उन्हें सुनाई। साथ ही राजनयिक ने उनके सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। भारत ने भी समान स्तर पर कार्रवाई करते हुए अमेरिकी दूतावास के राजनयिक सुरक्षा दल के प्रमुख एवं अमेरिकी राजनयिक व्याने मे को देश छोड़ने के लिए कहा है।
इस मुद्दे पर भारत के रुख का बचाव करते हुए खुर्शीद ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि भारत देवयानी के खिलाफ वीजा धोखाधडी के आरोपों को हटाने के लिए जोर देना जारी रखेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यहां अमेरिकी राजनयिकों को मिलने वाले विशेषाधिकारों को बहाल करने के बारे में फिर से विचार नहीं किया जा रहा है।
उधर, भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े और उनकी नौकरानी संगीता रिचर्ड के बीच किए गए रोजगार संबंधी दो अनुबंधों को अमरिकी वकीलों ने अदालत में जमा करवाया। ये अनुबंध इस बात के सबूत के तौर पर जमा करवाए गए हैं कि भारतीय राजनयिक ने अमेरिकी प्रशासन के सामने कथित रूप से झूठे बयान दिए थे। ग्रैंड ज्यूरी द्वारा 39 वर्षीय खोबरागड़े पर वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के आरोप में अभियोग लगाए जाने पर अमेरिकी शीर्ष वकील प्रीत भरारा ने मैनहेटन की संघीय अदालत में सात दस्तावेज जमा करवाए। इनमें से एक दस्तावेज खोबरागड़े और उनकी नौकरानी के बीच 11 नवंबर 2012 को हुआ वह रोजगार अनुबंध है, जिसे अमेरिकी दूतावास में उस समय जमा करवाया गया था, जब संगीता वीजा के लिए साक्षात्कार देने गई थी।
First Published: Monday, January 13, 2014, 10:47