Last Updated: Wednesday, January 8, 2014, 14:32

नई दिल्ली : राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी पर आगे जवाबी कदम उठाते हुए भारत ने अमेरिका से 16 जनवरी से अपने दूतावास परिसर से अंजाम दी जाने वाली सभी वाणिज्यिक गतिविधयां ‘रोकने’ के लिए कहा है। वीजा धोखाधड़ी के आरोपों पर न्यूयार्क में उप महावाणिज्य दूत खोबरागड़े पर अभियोग दायर करने की समय सीमा 13 जनवरी की तारीख से पहले भारत ने यह कदम उठाया है।
कड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने दूतावास से अमेरिकन कम्युनिटी सपोर्ट एसोसिएशन (एसीएसए) के तहत रेस्तरां, बार, वीडियो क्लब, बॉलिंग एले, स्वीमिंग पूल, खेल के मैदान, ब्यूटी पार्लर और जिम सहित वाणिज्यिक गतिविधियां रोकने के लिए कहा है। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि अमेरिका से वहां की सरकार से असम्बद्ध नागरिकों और उनके परिवारों सहित सभी गैर राजनयिक व्यक्तियों के वास्ते एसीएसए के जरिए होने वाली वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए भारतीय प्रशासन को उसके द्वारा दाखिल टैक्स र्टिन भी मुहैया कराने को कहा गया है।
भारतीय प्रशासन ने ऐसी वाणिज्यिक सुविधाओं के प्रावधानों को राजनयिक संबंध संबंधी 1961 के वियना समझौते के अनुच्छेद 41 (3) का उल्लंघन बताते हुए इसे गैर राजनयिक गतिविधि करार दिया है। समझौते में कहा गया है कि ‘वर्तमान समझौते में वर्णित निर्धारित प्रक्रिया अथवा सामान्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अन्य नियमों या भेजने वाले देश और प्राप्तकर्ता देश के बीच किसी खास कानून लागू होने की स्थिति में मिशन के परिसरों का इस्तेमाल मिशन के कामकाज से असंबद्ध किसी अन्य काम के लिए नहीं होना चाहिए।
यह भी माना जाता है कि अमेरिकी राजनयिकों के वाहन पर अवैध पार्किंग, रेड लाइट का उल्लंघन, खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने जैसे यातायात से जुड़े अपराधों के लिए अब जुर्माना लगेगा। एएफ (अप्लाइड फोर) नंबर प्लेट वाले वाहनों के खिलाफ भी जरूरी कार्रवाई करने पर गौर किया जा रहा है। वर्ष 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी खोबरागड़े को अपनी घरेलू सहायिका संगीता रिचर्डस के लिए वीजा आवेदन में फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें 250,000 डॉलर की जमानत राशि पर रिहा कर दिया गया। भारत खोबरागड़े के खिलाफ मामला खत्म करने और कपड़े उतरवाकर हुई तलाशी तथा अपराधियों के साथ हिरासत में रखे जाने सहित राजनयिक के साथ हुए बर्ताव पर अमेरिका से माफी की मांग कर रहा है। भारत सरकार ने घटनाओं पर कड़ा विरोध जाहिर किया और भारत में इस पर हर जगह आक्रोश है। खोबरागड़े की जब गिरफ्तारी हुई उस समय वह न्यूयार्क में उप महावाणिज्य दूत थी। बाद में उन्हें संयुक्त राष्ट्र के भारत के स्थायी मिशन में स्थानांतरित कर दिया गया।
भारत ने पिछले महीने कदम उठाते हुए कुछ अन्य कदमों सहित अमेरिकी राजनयिकों के एक निश्चित श्रेणी के विशेषाधिकारों में भी कटौती की। भारत के चार वाणिज्य दूतावासों में अमेरिकी वाणिज्य अधिकारियों को नया परिचय पत्र जारी किया जा रहा है। इसमें सीमित छूट का उल्लेख है जिससे गंभीर अपराधों में उन्हें रियायत नहीं मिलेगी। यह अमेरिका में भारत के वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को मिली सीमित छूट के तर्ज पर ही है। अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों के अधिकारियों के परिजनों को राजनयिक आईडी कार्ड नहीं मिलेगा। लंबे समय से उन्हें इसकी सुविधा मिल रही थी। भारतीय वाणिज्य दूतावास अधिकारियों के परिजनों को इस तरह की कोई भी सुविधा नहीं मिली हुई है।
उधर, वरिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े ने अपने खिलाफ वीजा धोखाधड़ी मामले को सुलझाने के लिए जारी चर्चा का सार्वजनिक तौर पर खुलासा करने के लिए अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा की निंदा की है और कहा है कि यह ‘परेशान करने वाला सुनियोजित कदम’ है जिससे स्थिति और बिगड़ेगी। देवायानी ने कहा कि दोनों पक्ष अदालत में अभियोग दायर करने से पहले की जाने वाली इस चर्चा को सार्वजनिक नहीं करने पर सहमत हुए थे। देवायानी के वकील डेनियल अरशक ने भरारा के उस पत्र का सशक्त जवाब दिया है जिसमें उन्होंने मजिस्ट्रेट जज सारा नेटवर्न से कहा था कि उन्होंने उन उचित मापदंडों का उल्लेख कर दिया जिनसे इस मुद्दे का समाधान हो सकता है।
अरशक ने कहा कि हम केवल यही सोच सकते हैं कि उस समझौते का उल्लंघन परेशान करने वाला सुनियोजित कदम है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 8, 2014, 13:11