Last Updated: Thursday, December 19, 2013, 20:02
मुंबई : देवयानी खोबरागड़े के पिता ने गुरुवार को धमकी दी कि अगर उनकी बेटी के खिलाफ लगाए गए मनगढंत आरोप वापस नहीं लिए गए और उसकी गरिमा बहाल नहीं की गई तो वह अनशन करेंगे। उन्होंने घटना के बाद अमेरिकी अटार्नी के बयान को भारतीय न्यायपालिका पर ‘बड़ा’ हमला करार दिया।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी उत्तम खोबरागड़े ने कहा कि उनकी बेटी की गिरफ्तारी एक साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि देवयानी ने कोई धोखाधड़ी नहीं की है और अपनी लापता मेड संगीता रिचर्ड को दिए जाने वाले वेतन के बारे में कोई झूठी जानकारी नहीं दी है। उन्होंने भरारा के वक्तव्य के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि उन्होंने जो बात कही वह भारतीय न्यायपालिका के खिलाफ है और उसे बदनाम करने वाली है।
उन्होंने कहा कि मैं सोनिया गांधी से मिलने की कोशिश करूंगा..मैं मनमोहन सिंह से मिलने की कोशिश करूंगा। अगर यह न्याय स्वीकार्य नहीं है, तो मैं अनशन करूंगा। खोबरागड़े ने कहा कि उन्होंने एफआईआर में यह गलत लिखा है कि हमने मेड का वेतन 4500 अमेरिकी डालर लिखा है। यह तो देवयानी का वेतन है। एफआईआर एक झूठा दस्तावेज है, जिसे देवयानी को गिरफ्तार करने के लिए बनाया गया। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने धोखा किया है तो वह संगीता है।
उन्होंने कहा कि संगीता ने वीजा के लिए आवेदन किया। संगीता ने आवेदन पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी अधिकारियों ने दो बार उसका इंटरव्यू लिया। फायदा किसे मिला? संगीता को वीजा मिल गया। अगर कोई धोखा हुआ है तो वह संगीता रिचर्ड की तरफ से दिया गया। पूर्व आईएएस अधिकारी ने भरारा के बयान को भारत सरकार और देश की न्यायपालिका को बदनाम करने वाला बताया। भरारा की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि उनका वक्तव्य क्या कहता है? यह कहता है कि भारतीय अदालतें गवाह को खामोश करने की कोशिश करती हैं। इसका मतलब है कि भारतीय अदालतें न्याय देने के लिए नहीं बल्कि पीड़ित को खामोश करने के लिए हैं। यह अदालत की गंभीर आपराधिक अवमानना है।
उन्होंने कहा कि यह बयान स्पष्ट रूप से उनकी जहनियत बताता है। इसने साजिश की पुष्टि कर दी। वह दरअसल यह कहना चाहते हैं कि भारत सरकार अपने नागरिकों की हिफाजत नहीं कर रही और इसी लिए हम यहां न्यूयार्क में बैठकर उनकी हिफाजत कर रहे हैं। देवयानी के पिता ने कहा कि मैं उच्चतम न्यायालय से अपील करना चाहता हूं कि वह इस बयान पर संज्ञान लें, जो भारत के न्याय की प्रक्रिया को बदनाम करने के अलावा और कुछ नहीं है। यह दोहराते हुए कि देवयानी को निशाना बनाने के लिए सोच समझकर साजिश रची गई, उन्होंने सवाल किया, क्या यह इत्तफाक है कि देवयानी का गिरफ्तार करने से दो दिन पहले उसके (संगीता के) परिवार को अमेरिका ले जाया गया? क्या है इत्तफाक है कि उसके (संगीता के) ससुर अमेरिकी दूतावास द्वारा दिए गए क्वार्टर में रह रहे हैं। कारण कुछ और है। देवयानी को परेशान करने के लिए सोची समझी साजिश थी।
उन्होंने कहा कि जब तक यह झूठी शिकायत वापस नहीं ली जाएगी, न्याय नहीं होगा। देवयानी को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया भारतीय न्यायशास्त्र में उसकी मिसाल नहीं मिलती, एक युवा लड़की को सड़क पर गिरफ्तार करना, जामा तलाशी लेना, डीएनए परीक्षण करना क्या यही तरीका है। उन्होंने अनशन की धमकी देते हुए कहा कि मेरा इस दुनिया में रहने का कोई मकसद नहीं है। अगर मेरी बेटी की हिफाजत नहीं की जाती, उसकी गरिमा बहाल नहीं की जाती, अगर 100 करोड़ लोगों के मजबूत देश के होते हुए भी उसके खिलाफ लगाए गए झूठे आपराधिक मामले वापस नहीं लिए जाते। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 19, 2013, 20:02