Last Updated: Wednesday, December 18, 2013, 00:33

वाशिंगटन : अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की कपड़े उतारकर इस तरह से जांच की गई जैसे अपराधियों की जांच की जाती है। अमेरिका ने मंगलवार को यह कहते हुए इसे वस्तुत: उचित ठहराया कि गिरफ्तारी के दौरान ‘मानक प्रक्रियाएं’ अपनाई गई हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मैरी हर्फ ने यहां अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘डिप्लोमेटिक सिक्यूरिटी’ विदेश मंत्रालय के दायरे में है और उनकी (देवयानी की) गिरफ्तारी में उसने मानक प्रक्रियाओं का पालन किया।’
मैरी ने यह बात तब कही जब उनसे मीडिया की इन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया कि क्या न्यूयार्क में भारत की 39 वर्षीय उप महावाणिज्य दूत देवयानी की कपड़े उतार कर तलाशी ली गई और क्या गिरफ्तारी के बाद उन्हें नशेड़ियों के साथ रखा गया।
उधर, नई दिल्ली में भारत सरकार ने गिरफ्तारी तथा जांच पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई और अमेरिकी राजनयिकों को मिलने वाले कई विशेषाधिकारों को कम करने के लिए कदम उठाए।
मैरी ने कहा, ‘‘डिप्लोमेटिक सिक्युरिटी के लोगों ने हमारी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया जिसे मैं मानक मान रही हूं क्योंकि ये वही हैं जिनसे हमारी डिप्लोमेटिक सिक्युरिटी का नाता रहता है।’’
वीजा जालसाजी मामले में 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने गई थीं। उन्हें सार्वजनिक रूप से हथकड़ी लगाई गई। बाद में उन्होंने अदालत में कहा कि वह दोषी नहीं है जिसके बाद उन्हें ढाई लाख डॉलर के बांड पर रिहा किया गया।
बहरहाल, मैरी ने यह कहते हुए यूएस मार्शल्स के हाथों देवयानी के साथ र्दुव्यरवहार का जिक्र किया कि डिप्लोमेटिक सिक्यूरिटी ने भारतीय राजनयिक को यूएस मार्शल्स को सौंपा था।
उन्होंने कहा कि राजनयिक रिश्तों पर वियेना कन्वेंशन के तहत भारतीय वाणिज्य उप महादूत को सिर्फ राजनयिक कार्यों के संपादन के क्रम में की गई कार्रवाइयों में अमेरिकी अदालतों के कार्यक्षेत्र से छूट मिलती है। मैरी ने कहा, ‘‘वह अलग किस्म की छूट है। यह सिर्फ अमेरिका में नहीं है, यह दुनिया भर में है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 18, 2013, 00:23