लोकपाल बिल पर लोकसभा में कल होगी चर्चा, सपा को छोड़ ज्यादातर दलों का लोकपाल को समर्थन

लोकपाल बिल पर लोकसभा में कल होगी चर्चा, सपा को छोड़ ज्यादातर दलों का लोकपाल को समर्थन

लोकपाल बिल पर लोकसभा में कल होगी चर्चा, सपा को छोड़ ज्यादातर दलों का लोकपाल को समर्थनज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: राज्यसभा में भाजपा, वाम और बसपा सहित अधिकतर दलों ने मंगलवार को संशोधनों के साथ पेश लोकपाल विधेयक का समर्थन करते हुए उम्मीद जतायी कि देश में भ्रष्टाचार को समाप्त करने में इस कदम से काफी मदद मिलेगी। सपा ने इस बहुचर्चित विधेयक पर उच्च सदन में हुई चर्चा के दौरान बहिर्गमन किया।

संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने राज्य सभा को सूचित किया कि लोकपाल विधेयक पर लोकसभा में बुधवार को चर्चा होगी। कारोबार परामर्श समिति ने विधेयक पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय दिया है। हमें उम्मीद है कि सर्वसम्मति से विधेयक पारित हो जाएगा।

राज्यसभा में मंगलवार को लोकपाल विधेयक का विरोध करते हुए सपा ने दावा किया कि इससे देश में अनिर्णय की स्थिति पैदा होगी और महत्वपूर्ण विषयों पर भी निर्णय नहीं हो सकेंगे। पार्टी ने विधेयक पर होने वाली चर्चा के दौरान उच्च सदन से विरोध स्वरूप वाकआउट किया।

राज्यसभा में लोकपाल विधेयक को चर्चा के लिए रखते हुए कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार ने इस बारे में प्रवर समिति की अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है क्योंकि वह चाहती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक सशक्त कानून बने।

विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि राजनीतिक व्यवस्था की विश्वसनीयता के लिए यह प्रस्तावित कानून उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में सुधार की काफी गुंजाइश है लेकिन कभी भी आदर्श कानून नहीं बनता। अनुभवों से उसमें सुधार होता है।

बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्रा ने भी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक पर कल हुई सर्वदलीय बैठक में उनकी पार्टी ने इसलिए भाग नहीं लिया क्योंकि उन्हें इसके बारे में सूचित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बैठक के बहिष्कार की मीडिया मे आयी बातें गलत थीं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में कुछ इस तरह के सुझाव होने चाहिए जिससे राज्यों में एक साल के भीतर माडल कानून के आधार पर लोकायुक्त के लिए कानून बनाया जा सके।

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के दायरे में राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों को लाया गया लेकिन निजी क्षेत्र एवं गैर सरकारी संगठनों को नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी काम और पीपीपी के तहत काम करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों एवं एनजीओ को भी इसके दायरे में रखा जाना चाहिए।

सपा नेता रामगोपल यादव ने कहा कि ऐसी धारणा है कि सिर्फ लोकपाल ही ईमानदार हैं, बाकी सब बेईमान हैं। उन्होंने सवाल किया कि लोकपाल किसे बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जांच शुरू होने पर जनता उसकी ईमानदारी पर शक करने लगती है भले ही वह निर्दोष हो। उन्होंने सरकार से इस विधेयक पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी पार्टी सपा इस विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं होगी। इसके बाद सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

उल्लेखनीय है सपा शुरू से ही लोकपाल विधेयक का विरोध करती रही है। उसने सोमवार को राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी द्वारा इस विधेयक पर चर्चा के लिए बुलायी गयी बैठक का भी बहिष्कार किया था।

First Published: Tuesday, December 17, 2013, 15:36

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