Last Updated: Friday, February 21, 2014, 20:34

नई दिल्ली : भाजपा ने शुक्रवार को पूर्व डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल ए के चौधरी के उस बयान पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा कि 2012 में दिल्ली के पास सेना की इकाइयों की हलचल पर सरकार और सेना के बीच अविश्वास हो सकता था।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार हालांकि हर क्षेत्र में विश्वास की कमी से ग्रस्त है, लेकिन सेना के साथ अविश्वास की बात कभी नहीं कही गई। प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि सरकार और सेना के बीच अविश्वास गंभीर चिंता का विषय है। सेना राष्ट्र की सुरक्षा करती है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। अगर ऐसी खबरें आ रही हैं तब यह गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि हमें इसे दुरूस्त करने की जरूरत है और अगर हम सत्ता में आए तब इसे ठीक करेंगे।
गौरतलब है कि दिल्ली के निकट 2012 में सेना की दो इकाइयों की गतिविधि पर एक नया विवाद उस समय पैदा हो गया है जब तत्कालीन डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि इस मामले पर सेना और सरकार के बीच ‘अविश्वास’ था लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने आज इस बात को खारिज कर दिया।
चौधरी के हवाले से एक साक्षात्कार में कहा गया था कि तत्कालीन रक्षा सचिव शशि कांत शर्मा ने उनसे सैन्य बलों को वापस भेजने को कहा था क्योंकि सरकार का शीर्ष नेतृत्व इस बारे में ‘चिंतित’ था। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भाजपा को सेना के गैर राजनीतिक होने पर गर्व है और हमें इसके आचार एवं नैतिकता पर गर्व है। लेकिन हम किसी ऐसे व्यक्ति के बयान पर टिप्पणी नहीं कर सकते जो कुछ समय पहले ही सेवानिवृत हुआ हो क्योंकि हमें अपनी सशस्त्र सेनाओं पर भरोसा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 21, 2014, 20:34