Last Updated: Tuesday, October 29, 2013, 15:11

नई दिल्ली : कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर सरदार पटेल की विरासत को हथियाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और उन्हें याद दिलाया कि पटेल ने कहा था कि यह ‘आरएसएस का सांप्रदायिक उन्माद’ था, जिसने महात्मा गांधी की जान ली।
कांग्रेस ने मोदी पर पटेल के मुद्दे को लेकर ऐसे दिन निशाना साधा है जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अहमदाबाद में देश के पहले गृह मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी सरदार पटेल को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन करने के लिए नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा करने वाले हैं ।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आज संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ महीने से, भाजपा सरदार पटेल की विरासत को हथियाने का प्रयास कर रही है । इतिहास इस तथ्य का गवाह है कि वे लोग, जिनके पास इतिहास की कोई विरासत नहीं होती, वह दूसरों की विरासत हथियाने का प्रयास करते हैं । गुजरात के मुख्यमंत्री, जो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं, को मेरी सलाह है कि उन्हें यह अध्ययन करना चाहिए कि विरासत वाकई में क्या है जिसे वे अपना बनाने का प्रयास कर रहे हैं ।
तिवारी ने कहा कि 9 सितम्बर 1948 को देश के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने आरएसएस के संस्थापक एम एस गोलवरकर को लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिक उन्माद के अंतिम परिणाम के रूप में देश को महात्मा गांधी के जीवन का बलिदान झेलना पड़ा। पटेल ने आरएसएस द्वारा फैलाये जा रहे सांप्रदायिक उन्माद का उल्लेख किया था जिसके गोलवरकर प्रमुख थे । क्या स्वयंसेवक मोदी सरदार पटेल से सहमत हैं या आरएसएस के बारे में उनके विचारों की पुष्टि करते हैं जिनकी विरासत की वे अभिलाषा करते हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 29, 2013, 15:06