Last Updated: Sunday, June 8, 2014, 16:53
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम करने की इच्छा रखने वाले और 12वीं की परीक्षा में वैकल्पिक विषय के तौर पर इंफर्मेटिक्स प्रैक्टिसिस को चुनने वाले छात्रों के कुल अंकों में से 2.5 प्रतिशत कम करने के फैसले को बदलने के सीबीएसई के अनुरोध को खारिज कर दिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया के बीच में दिशानिर्देश बदलना संभव नहीं होगा और मामले में किसी भी तरह की समीक्षा पर अगले साल विचार किया जा सकता है।
स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पिछले हफ्ते फैसले की समीक्षा करने की मांग की थी। सीबीएसई ने विश्वविद्यालय के फैसले को अनुचित और भेदभावपूर्ण बताया था।
डीयू ने अपने प्रवेश के दिशानिर्देशों में कहा है कि 12वीं कक्षा में इंफर्मेटिक्स प्रैक्टिसिस विषय को चुनने वाले विद्यार्थियों को चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए उनके कुल प्रतिशत अंकों से 2.5 प्रतिशत अंक कम किये जाएंगे।
सीबीएसई के अध्यक्ष विनीत जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश सिंह को लिखे पत्र में कहा कि फैसले की समीक्षा की जाए क्योंकि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को प्रवेश प्रक्रिया में लाभ नहीं मिल पाएगा जिन्हें बहुत देरी से फैसले की जानकारी मिली। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 8, 2014, 16:53