Last Updated: Thursday, November 21, 2013, 23:03
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान की गई ‘खूनी पंजा’ टिप्पणी को गुरुवार को नामंजूर कर दिया और उनसे भविष्य में सार्वजनिक संवाद के दौरान अधिक सतर्क रहने की हिदायत दी। मोदी की टिप्पणी पर कड़ा संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा कि वह आचार संहिता उल्लंघन के लिए अपने नोटिस के जवाब में मोदी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है।
चुनाव आयोग ने मोदी से कहा कि राजनीतिक विपक्षियों के संदर्भ में ‘खूनी पंजा’ ‘जालिम हाथ’ जैसी टिप्पणियां शालीन राजनीतिक वक्तव्यों के लिहाज से घातक समझी जाती हैं। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों तथा संदर्भ के तहत आपके द्वारा अपने जवाब में दिए गए तर्कों को लेकर आयोग मामले में अपनी नापसंदगी व्यक्त करता है और उम्मीद करता है कि भविष्य में आप अपने सार्वजनिक संवाद के दौरान अधिक सतर्क रहेंगे। कांग्रेस ने मोदी की टिप्पणियों को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि ‘हाथ’ उसका चुनाव चिह्न है।
आयोग ने तीन पृष्ठ के आदेश में नेताओं पर निजी हमलों के मामले में सार्वजनिक संवाद की भाषा को लेकर अपनी चिंता तथा कड़े मानकों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया और मोदी से कहा कि यह आपके रुख को स्वीकार नहीं करता। चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग का मानना है कि राजनीतिक दलों की नीतियों, कार्यक्रमों और पिछले रिकॉर्ड की आलोचना करते समय अभिव्यक्ति और कथन, चाहे बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल किया गया हो, ऐसा होना चाहिए जिसमें शालीनता, गरिमा और सार्वजनिक नैतिकता कायम रहे।
आदेश में कहा गया कि जब आपके लहजे, आशय और ‘खूनी पंजा’ तथा ‘जालिम हाथ’ शब्द के इस्तेमाल को आपके पूरे भाषण के परिप्रेक्ष्य में पढ़ा जाए तो संदेह के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचती कि यह शिकायतकर्ता पार्टी और इसके चुनाव चिह्न के संदर्भ में है और यह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है।
First Published: Thursday, November 21, 2013, 22:54