आर्थिक मुद्दे हमेशा चुनौतीपूर्ण रहेंगे :राष्ट्रपति

आर्थिक मुद्दे हमेशा चुनौतीपूर्ण रहेंगे : राष्ट्रपति

कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था की गति हमेशा चुनौतीपूर्ण रहेगी और उम्मीद है कि भारत इस मुद्दे से सफलता से निपटेगा।

मुखर्जी ने यहां शाहपुर में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह के मौके पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 2008-09 में एक आर्थिक संकट था और फिर यूरो संकट था। इस तरह की चुनौतियां रहेंगी। कोई यह नहीं कह सकता कि कोई चुनौती नहीं रहेगी। चार वर्ष पुराने विश्वविद्यालय के छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब डब्ल्यूटीओ में चल रहे घटनाक्रम दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी गांव के दस्तकार को प्रभावित कर सकते हैं।

देश के वित्त मंत्री रह चुके मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर अच्छी रही है और 2008-09 में मंदी के बावजूद भारत ने 9 प्रतिशत की विकास दर हासिल की। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों और विद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई देश हथियार रखकर नहीं बल्कि प्रौद्योगिकी से और भी उच्च तकनीक हासिल कर महाशक्ति बन सकता है। मुखर्जी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे उनसे ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछें और वह उनके सवालों का अच्छे से अच्छा जवाब देने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बतौर शिक्षक अपने व्यवसाय को याद करते हुए कहा कि मैं अपने कॅरियर के दिनों में भी लौट जाउंगा जो मैंने 50 साल पहले छोड़ दिया था।

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 200 संस्थानों की सूची में भारत के विश्वविद्यालय और संस्थान शामिल नहीं होने के संबंध में राष्ट्रपति ने कहा कि मैं तोते की तरह यह बात दोहरा रहा हूं। मुझे दुख होता है कि अंतरराष्ट्रीय वरीयता एजेंसियों के अनुसार 200 विश्वविद्यालयों की सूची में कोई भारतीय संस्थान जगह नहीं पाता। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 12, 2014, 20:07

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