Last Updated: Tuesday, May 27, 2014, 21:55
नई दिल्ली-श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (पीएमओ) के राज्यमंत्री की ओर से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के गुण दोषों पर चर्चा के संबंध में विवादास्पद बयान दिये जाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य विपक्षी पीडीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उधर सरकार ने पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान से उठे विवाद को कमतर करने का प्रयास किया और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस पर विचार करेंगे। आपने देखा था कि हमने चुनाव प्रचार के दौरान क्या कहा था। सरकार इस पर नियम कायदों के अनुरूप विचार करेगी।’’ पहली बार जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर के लिहाज से अनुच्छेद 370 के गुण दोषों पर चर्चा के लिए तैयार है और राज्य में समाज के हर वर्ग के साथ संपर्क करके उन लोगों को समझाने के प्रयास किये जाएंगे जो ‘‘असहमत’’ हैं।
57 वर्षीय सिंह को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री बनाये जाने के मोदी के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई है। सिंह ने कहा कि भाजपा बहुत पेशेवर तरीके से इस मुद्दे पर काम कर रही है और कश्मीर घाटी में बैठकें बुला रही है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के राज्यमंत्री के तौर पर कामकाज संभालने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कुछ लोगों को इस बारे में समझाने में कामयाब रहे हैं।’’ हालांकि सिंह के बयान पर उमर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि अनुच्छेद 370 राज्य और शेष देश के बीच ‘‘एकमात्र संवैधानिक कड़ी’’ है।
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में चर्चा करना गैरजिम्मेदाराना और आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर है। उमर ने ट्वीट किया, ‘‘पीएमओ के नये राज्यमंत्री कह रहे हैं कि अनुच्छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया या बातचीत शुरू हो गयी है। वाह, कितनी तेज शुरूआत है। पता नहीं कि इस मुद्दे पर कौन-कौन बात कर रहा है।’’ पीडीपी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के संबंध में सिंह का बयान गंभीर नुकसान पहुंचाये, उससे पहले प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं को सिंह पर लगाम कसनी चाहिए।
विवाद उठने के बाद मंत्री सिंह ने आज रात में बयान जारी कर कहा कि खबरों में उनकी बात को गलत तरह से पेश किया गया है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 पर मेरे बयान को मीडिया में आई खबरों में गलत तरह से पेश किया गया है। मैंने माननीय प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए कभी कुछ नहीं कहा। विवाद पूरी तरह निराधार है।’’
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘सिंह को समझना चाहिए कि जूनियर मंत्री के तौर पर उनके नये पद की कुछ जिम्मेदारियां हैं और प्रधानमंत्री को चाहिए कि उन्हें अनुशासित करने के लिए हस्तक्षेप करें। पीएमओ को जम्मू कश्मीर की जनता को आश्वस्त करने के लिए स्पष्ट करना चाहिए कि उसे कोई नुकसान नहीं होगा।’’ इस पूरे मामले में उमर ने पीडीपी पर भी निशाना साधा और कहा, ‘‘पीडीपी किस बात को लेकर उत्तेजित हो रही है। उन्होंने तो राज्य में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए मौन सहमति के साथ काम किया है।’’
पीएमओ में राज्यमंत्री सिंह ने कहा था कि भाजपा अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्ष में है जो जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देता है लेकिन साथ ही पार्टी लोगों को समझाना चाहती है और इस मुद्दे के दीर्घकालिक समाधान के लिए लोकतांत्रिक तरीका अपनाएगी। सीबीआई पर प्रशासनिक नियंत्रण रखने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रभारी राज्यमंत्री ने अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद कहा, ‘‘अगर हम चर्चा ही नहीं करेंगे तो हम उन लोगों को कैसे मना सकेंगे जो इस बात को नहीं समझ सके हैं कि वे धारा 370 के कारण किन चीजों से वंचित रह गए।’’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 27, 2014, 21:55