Last Updated: Tuesday, February 4, 2014, 10:41
नई दिल्ली : 15वीं लोकसभा के बुद्धवार से शुरू हो रहे अंतिम सत्र में जबर्दस्त हंगामा होने के आसार हैं, जिसमें सरकार विवादास्पद तेलंगाना विधेयक को लाने की योजना बना रही है वहीं विपक्षी दल मुख्य रूप से अंतरिम बजट पारित होने पर जोर दे रहे हैं।
सरकार के प्रबंधकों को इस बात की फिक्र है कि सत्र में लेखानुदान को छोड़कर अन्य कोई विधायी कार्य हो पाएगा या नहीं क्योंकि वाम दल और भाजपा समेत विपक्षी दल अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे चरण में भ्रष्टाचार रोधी छह विधेयकों सहित कुल 39 विधेयक सूचीबद्ध हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि सदन में व्यवधान के लिए कांग्रेस विपक्ष पर तोहमत नहीं लगा सकती। यह स्थिति केवल कांग्रेस की ही बनाई हुई है। सत्तारूढ़ दल देश और सदन में इतना कमजोर हो गया है कि उसके एक राज्य के खुद के मुख्यमंत्री ने तेलंगाना विधेयक को आंध्र प्रदेश विधानसभा से अस्वीकार कराके केन्द्र को वापस भेज दिया है।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सर्वदलीय बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से उपर उठकर भ्रष्टाचार रोधी छह विधेयक पारित कराने में सरकार का सहयोग करना चाहिए। तीन विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार इस सत्र में केवल लेखानुदान पारित कराए। जहां तक विधेयकों का सवाल है, आगामी लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार उन्हें देखेगी। सरकार के सू़त्रों के अनुसार राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा ने भी वित्त मंत्री पी चिदंबरम से कहा है कि लेखानुदान को जल्दी से जल्दी पारित कराया जाए।
सूत्रों के मुताबिक हालांकि चिदंबरम ने 17 फरवरी से पहले लेखानुदान पारित होने में असमर्थता जताई क्योंकि अंतरिम बजट पेश करने में काफी प्रयास करने पड़ेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 4, 2014, 10:41