अगर पाक सीजफायर का निरंतर उल्लंघन करता है तो केंद्र अन्य विकल्पों पर विचार करे: उमर अब्‍दुल्‍ला। Explore other options if Pakistan continues to violate ceasefire: Omar Abdullah

अगर पाक सीजफायर का निरंतर उल्लंघन करता है तो केंद्र अन्य विकल्पों पर विचार करे: उमर अब्‍दुल्‍ला

अगर पाक सीजफायर का निरंतर उल्लंघन करता है तो केंद्र अन्य विकल्पों पर विचार करे: उमर अब्‍दुल्‍लाज़ी मीडिया ब्‍यूरो

जम्‍मू : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि नियंत्रण रेखा पर अगर पाकिस्तान संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन करता है तो केंद्र को अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सीमापार से गोलीबारी पर चिंता प्रकट करते हुए उमर ने कहा कि केंद्र को निश्चित ही इस मसले पर अब गंभीरता से विचार करना चाहिए। अब्दुल्ला ने यहां एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा कि निस्संदेह यह एक तरफा मामला नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति नहीं हो सकती कि हम भुगतते रहे और कोई प्रतिक्रिया भी न दें। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करना जारी रखता है तो केंद्र को अन्य विकल्पों की तलाश करनी चाहिए।

अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच न्यूयार्क में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने भारत की चिंताओं को बहुत स्पष्ट तरीके से सामने रखा। उन्होंने कहा कि एक ऐसी व्यवस्था पर विचार किया गया था जिसके तहत दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखने पर चर्चा करेंगे। ऐसा अब तक नहीं हुआ है। मेरा मानना है कि यह एक ऐसा विकल्प है जिस पर काम किए जाने की जरूरत है और ऐसा नहीं होने पर भारत सरकार को स्पष्टत: उसी तरह प्रतिक्रिया देने पर विचार करना होगा।

इस वर्ष संघर्ष विराम के कुल 136 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले आठ वर्षों में सबसे अधिक बार संघर्ष विराम का उल्लंघन इसी वर्ष किया गया है। उमर ने कश्मीर मसले के समाधान के लिए अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग करने के कारण पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से अपने अनुभव से जानते हैं कि भारत जम्मू कश्मीर के मामले में किसी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा। यह स्पष्ट करें कि (कश्मीर में) किसी प्रकार की मध्यस्तता या किसी तीसरे दल की किसी प्रकार की भूमिका नहीं है। इस बात पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है।

First Published: Monday, October 21, 2013, 11:59

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